Hazaribag : हजारीबाग मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस में मुर्दों को भी डॉक्टरों के आने का घंटों इंतजार करना पड़ता है. ये किसी एक दिन की हालत नहीं, बल्कि हर रोज ऐसा ही होता है. यह कहना है सदर विधायक मनीष जायसवाल का. उन्होंने कहा कि अगर किसी शव को यहां पोस्टमार्टम के लिए लाया जाता है, तो ड्यूटी रोस्टर में तैनात डॉक्टर या तो अपने घर पर रहेंगे या ड्यूटी रोस्टर में नाम रहने के बावजूद हजारीबाग से बाहर रहेंगे. ऐसी परिस्थिति में जहां मृतक शवों को डॉक्टर के आने का घंटों इंतजार करना पड़ता है, वहीं मृतक के परिजनों को भी बेवजह मशक्कत करनी पड़ती है.
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अस्पताल प्रबंधन बन चुका है पंगु
इस मामले में मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन भी पूरी तरह पंगु बन चुका है. कई एक बार किस प्रकार की शिकायत किए जाने के बाद किसी अन्य डॉक्टर को जिनकी ड्यूटी नहीं रहती, उन्हें भेज कर पोस्टमार्टम करा दिया जाता है. लेकिन इस व्यवस्था में सुधार को लेकर कोई मुकम्मल पहल नहीं की जाती है.
स्थिति देख हतप्रभ हुए विधायक
रविवार की सुबह कटकमसांडी भीषण सड़क दुर्घटना में चार मृतकों का पोस्टमार्टम कराने के लिए हजारीबाग सदर विधायक मनीष जायसवाल एचएमसीएच के पोस्टमार्टम हाउस में पहुंचे तो स्थिति देखकर हतप्रभ रह गए. ड्यूटी रोस्टर में जिन डॉक्टरों का नाम था, वह वहां उपस्थित नहीं थे. वह भी ऐसे वक्त पर, जब जिला प्रशासन के वरीय अधिकारी के साथ अस्पताल प्रबंधन के वरीय अधिकारी भी यहां खुद मौजूद थे.
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विधायक डीसी और स्वास्थ्य मंत्री से करेंगे शिकायत
विधायक मनीष जायसवाल इस मामले को लेकर बड़ा सवाल खड़ा करते हुए कहा कि मेडिकल कॉलेज हजारीबाग के पोस्टमार्टम हाउस में फिलवक्त 10 शव पड़ा है और सभी को धरती के भगवान कहे जाने वाले चिकित्सकों के आने का बेसब्री से इंतजार है. विधायक मनीष जायसवाल ने चिकित्सा के पुलिस पेशे पर भी सवाल खड़ा करते हुए कहा कि ऐसे ही चिकित्सकों के कारण यह पेशा बदनाम है. विधायक ने कहा कि उन्होंने इस संबंध में डिप्टी सुपरिटेंडेंट को अवगत कराया है, जल्द ही हजारीबाग उपायुक्त और सूबे के स्वास्थ्य मंत्री को भी अवगत कराएंगे.