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डॉक्टरों के लिए मानव शरीर ही पहला शिक्षक, रिम्स में नए बैच के मेडिकल स्टूडेंट्स ने ली शव की शपथ

Ranchi: राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान "रिम्स" के एनाटॉमी विभाग में सोमवार को वर्ष 2023 बैच के विद्यार्थियों को कैडवेरिक ओथ (शव की शपथ) दिलाई गई. विभाग के प्रोफेसर डॉ धर्मेंद्र कुमार ने छात्रों को शव की शपथ दिलाई. जिसके तहत छात्रों ने शवों का सम्मान करने, परिवार के प्रति आभार व्यक्त करने और प्राप्त ज्ञान से समाज की सेवा करने का संकल्प लिया. बिहार">https://lagatar.in/category/bihar/">बिहार

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मानव देह गुरु समान, मेडिकल छात्रों का पहला शिक्षक

रिम्स निदेशक डॉ राजीव कुमार गुप्ता ने इस शपथ के महत्व के विषय में छात्रों को बताया. कहा कि यह देह गुरु समान है, क्योंकि इनके जरिए मेडिकल छात्रों को सीखने का अवसर मिलता है. डीन प्रोफेसर डॉ विद्यापति ने कहा कि पढ़ाई के लिए देह दान करने वाले लोग महान हैं, और चिकित्सा शिक्षा की किसी भी शाखा का आधार शव विच्छेदन और शरीर रचना विज्ञान का ज्ञान है. विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ एके दुबे के अनुसार, डॉक्टर के लिए मानव शरीर को ही पहला शिक्षक माना जाता है, इसलिए उसकी पूजा कर शपथ ली जाती है. इसे भी पढ़ें- सुप्रीम">https://lagatar.in/hearing-on-cm-hemant-sorens-petition-held-in-supreme-court-said-first-go-to-jharkhand-high-court/">सुप्रीम

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रिम्स को 7 देह हो चुके हैं प्राप्त

रिम्स में अब तक 50 लोग देहदान का संकल्प पत्र भर चुके हैं. एनाटॉमी विभाग को पढ़ाई के लिया अब तक 7 देह प्राप्त हो चुके हैं. विभाग ने इस नेक कार्य के लिए देहदान की इच्छा पूरी करने के लिए सभी दाताओं और उनके परिवारों के प्रति धन्यवाद व्यक्त किया है. [wpse_comments_template]
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