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मानव देह गुरु समान, मेडिकल छात्रों का पहला शिक्षक
रिम्स निदेशक डॉ राजीव कुमार गुप्ता ने इस शपथ के महत्व के विषय में छात्रों को बताया. कहा कि यह देह गुरु समान है, क्योंकि इनके जरिए मेडिकल छात्रों को सीखने का अवसर मिलता है. डीन प्रोफेसर डॉ विद्यापति ने कहा कि पढ़ाई के लिए देह दान करने वाले लोग महान हैं, और चिकित्सा शिक्षा की किसी भी शाखा का आधार शव विच्छेदन और शरीर रचना विज्ञान का ज्ञान है. विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डॉ एके दुबे के अनुसार, डॉक्टर के लिए मानव शरीर को ही पहला शिक्षक माना जाता है, इसलिए उसकी पूजा कर शपथ ली जाती है. इसे भी पढ़ें- सुप्रीम">https://lagatar.in/hearing-on-cm-hemant-sorens-petition-held-in-supreme-court-said-first-go-to-jharkhand-high-court/">सुप्रीमकोर्ट में हुई CM हेमंत सोरेन की याचिका पर सुनवाई, कहा – पहले झारखंड हाईकोर्ट जाएं