Lagatar Desk
आज देश की स्थिति क्या है. अस्पतालों के सारे बेड कोरोना मरीज़ों के लिए रिज़र्व कर दिए गएहैं. कोरोना के सारे गंभीर मरीज़ों को अस्पताल में बेड नहीं मिल रहा है. जमीन पर, एंबुलेंस में इलाज चल रहा है. दूसरी गंभीर बीमारियों के मरीज़ों को कोई अस्पताल भर्ती नहीं ले रहा है. अस्पताल के बाहर एंबुलेंस की कतारें हैं. भर्ती होने के लिए मरीज़ घंटों एंबुलेंस में इंतज़ार कर रहे हैं. दम तोड़ दे रहे हैं. जिन्हें आईसीयू की ज़रूरत है, उन्हें जनरल वार्ड भी नहीं मिल रहा है. जिन्हें जनरल वार्ड की ज़रूरत है उन्हें लौटा दिया जा रहा है. शवों को श्मशान ले जाने के लिए गाड़ियां नहीं मिल रही हैं. और हमारे देश के प्रधानमंत्री क्या कर रहे हैं. पिछले डेढ़ माह से वह चुनाव लड़ रहे हैं. उनके पास समर्थकों की ऐसी भीड़ है, जो आपको यह सवाल भी पूछने नहीं देगी कि पिछले एक साल में देश के लिये उन्होंने क्या किया. पढ़िये, इन पांच टिप्पणियों को. पढ़ने के बाद अगर धर्म के नशे से बाहर आ जायें, तब सोंचिये. देश को इस हालत तक पहुंचाने के लिये कौन जिम्मेदार है. फिर अपने परिचितों, दोस्तों से पूछिये क्या अब भी उन्हें गर्व हो रहा है.