New Delhi : बजट सत्र के छठे दिन लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण को लेकर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हुई. इस दौरान राहुल गांधी ने चर्चा में भाग लिया. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि अग्निपथ योजना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और गृह मंत्रालय द्वारा लायी गई है और इसे सेना पर थोपा गया है. उन्होंने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर सदन में लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में भाग लेते हुए अपनी भारत जोड़ो यात्रा के अनुभव का उल्लेख किया. कहा कि उन्हें इस दौरान जनता की आवाज को बहुत गहराई से सुनने का मौका मिला. राहुल ने कहा कि यात्रा के दौरान मुझे बहुत कुछ सुनने को मिला. सबसे ज्यादा जिन मुद्दों के बारे में लोगों ने मुझसे कहा, उनमें बेरोजगारी, महंगाई और किसानों की समस्याएं प्रमुख हैं. राहुल गांधी ने कहा कि हिंदुस्तान के युवा सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी की बात से सहमत नहीं है कि युवाओं को अग्निवीर बनाने वाली योजना से उन्हें फायदा होगा. उन्होंने कहा कि सेना के वरिष्ठ अधिकारियों और अनेक लोगों ने मुझसे कहा कि यह योजना आरएसएस और गृह मंत्रालय से आयी है. यह योजना सेना से नहीं आयी है. यह योजना सेना पर थोपी गई है.
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यात्रा में हर जगह लोगों ने अडाणी के बारे में ही पूछा – राहुल
इससे आगे राहुल ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में बहुत सारी बातें बोली गईं. लेकिन अग्निपथ योजना के बारे में सिर्फ एक बार बोला गया और यह नहीं बताया गया कि यह योजना कहां से आयी, किसने बनायी. उन्होंने देश के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) का नाम लेते हुए दावा किया कि यह योजना उन्होंने बनायी है. राहुल गांधी ने दावा किया कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में बेरोजगारी और महंगाई जैसे शब्द एक भी बार नहीं आए. उन्होंने यह भी कहा कि वह अपनी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान देश में जहां भी गए, हर जगह अडाणी का नाम सुनने को मिला. उद्योगपति गौतम अडाणी के समूह से जुड़े हालिया घटनाक्रम की पृष्ठभूमि में उनके नाम का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने कहा, मैं देश में जहां-जहां गया, हर जगह एक ही नाम अडाणी सुनाई दिया. लोगों ने पूछा कि इनका हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री के साथ क्या रिश्ता है.
पीएम मोदी के साथ अडाणी का कैसा रिश्ता?
राहुल गांधी ने सवाल किया कि अडाणी का पीएम मोदी के साथ कैसा रिश्ता है. इस दौरान उन्होंने अडाणी की तस्वीर वाला एक पोस्टर भी दिखाया, जिस पर स्पीकर ओम बिरला ने उन्हें रोका. राहुल ने कहा कि जब मोदी जी गुजरात के सीएम थे, तब दोनों के बीच जानकारी हुई. भारत के ज्यादातर बिजनेस जब पीएम पर सवाल उठा रहे थे, तब एक आदमी पीएम के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहा. जब पीएम दिल्ली आए और 2014 में फिर असली जादू शुरू हुआ.
जादू हुआ तो दूसरे नंबर पर पहुंच गए अडाणी
राहुल ने कहा- भारत जोड़ो यात्रा में सब जगह एक नाम सुनने को मिला…
अडाणी. दुनिया के सबसे अमीर लोगों की लिस्ट में 2014 में वे 609 नंबर पर थे, सबसे
पीछे. जादू हुआ तो दूसरे नंबर पर पहुंच
गए. राहुल ने कहा- हिमाचल में सेब की बात होती है तो अडाणी, कश्मीर में सेब तो अडाणी, पोर्ट और एयरपोर्ट सब जगह
अडाणी जी,
सड़क पर चल रहे हैं, तो
अडाणी जी. राहुल ने कहा- लोगों ने पूछा कि
अडाणी को सफलता कैसे
मिली? सबसे जरूरी सवाल कि इनका हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री के साथ क्या रिश्ता है और कैसा रिश्ता
है?
अडाणी को 6 एयरपोर्ट दिए गए
राहुल ने कहा- कुछ साल पहले सरकार ने एयरपोर्ट्स डेवलप करने को दिए. नियम था कोई भी जिसे एक्सपीरियंस ना हो, वो इसमें शामिल नहीं हो सकता. सरकार ने नियम बदला और अडाणी जी को 6 एयरपोर्ट दिए गए. दुनिया का सबसे ज्यादा प्रॉफिटेबल मुंबई एयरपोर्ट GVK ने हाईजैक कर लिया. CBI और ED का इस्तेमाल करके हिंदुस्तान के उस एयरपोर्ट को अडाणी के हवाले कर दिया. रिजल्ट आया कि आज अडाणी हिंदुस्तान के 24% एयरपोर्ट ले गए. हिंदुस्तान की सरकार और प्रधानमंत्री ने ये सुविधा दी. एयरपोर्ट बिजनेस में 30% मार्केट शेयर अडाणी का है.
डिफेंस में अडाणी का जीरो एक्सपीरियंस
राहुल ने कहा- हम फॉरेन पॉलिसी की बात करते हैं. डिफेंस से शुरू करते हैं. डिफेंस में अडाणी का जीरो एक्सपीरियंस था. प्रधानमंत्री इजराइल जाते हैं और फिर अडाणी को कॉन्ट्रैक्ट मिल जाता है. इनके पास डिफेंस की 4 कंपनियां हैं. अडाणी को जादू से मेंटेनेंस का कॉन्ट्रैक्ट, इजराइली ड्रोन और छोटे हथियारों का कॉन्ट्रैक्ट मिल जाता है. उसमें पेगासस भी है. हिंदुस्तान-इजराइल का डिफेंस बिजनेस 90% अडाणी ले गए.
एसबीआई ने वन बिलियन डॉलर लोन अडाणी को दिया
राहुल बोले- ऑस्ट्रेलिया चलते हैं. प्रधानमंत्री ऑस्ट्रेलिया जाते हैं और जादू से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया वन बिलियन डॉलर लोन अडाणी को दे देता है. उसके बाद बांग्लादेश में गए. वहां पर इलेक्ट्रिसिटी बेचने का डिसीजन लिया जाता है. कुछ दिन बाद बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड 25 साल का कॉन्ट्रैक्ट अडाणी के साथ साइन करता है. श्रीलंका चलते हैं. जून 2022 में इलेक्ट्रिसिटी बोर्ड के चेयरमैन ने संसद में बताया कि राष्ट्रपति राजपक्षा ने उनसे कहा था कि मोदी जी ने उन पर दबाव डाला था कि अडाणी को विंड पावर प्रोजेक्ट दे दिया जाए.
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