Ranchi : पिछले दिनों झारखंड सरकार के मंत्री ने सरकारी समारोह में गैर सरकारी लोगों को करीबी होने का मानद सर्टिफिकेट बांटा. एक गैर सरकारी करीबी तो खुद ही फुदक कर स्टेज पर गया और अपर मुख्य सचिव के पीछे की कुर्सी पकड़ कर बैठ गया. दूसरे गैर सरकारी को स्टेज पर बुलाकर करीबी होने का मानद सर्टिफिकेट मंत्री ने खुद दिया.
मौका डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र बांटने का था. स्टेज को सलीके से सजाया गया था. स्टेज पर मंत्री, अपर मुख्य सचिव सहित दूसरे अधिकारी बैठे थे. नियुक्ति पत्र पाने वाले डॉक्टर अपने लिए बनायी गयी जगह पर बैठे थे. इस बीच बिन बुलाये ही मंत्री का एक करीबी फुदक कर स्टेज पर चढ़ गया. स्टेज पर बैठे अपर मुख्य सचिव के पीछे की कुर्सी पर बैठ गया. लेकिन उसे किसी ने कुछ नहीं कहा. क्योंकि वह मंत्री के इर्द गिर्द मंडराते रहता है. विभागीय कर्मचारी उसे मंत्री के प्रतीक के रूप में जानते हैं. बताते हैं कि उसका असली नाम भी प्रतीक है.
बात यहीं खत्म नहीं हुई. कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे विभागीय कर्मचारी उस वक्त दंग रह गये जब स्टेज पर से अनाउंसर ने किसी राजेश कुमार सन्नी के नाम की घोषणा की और उसे मंच पर आमंत्रित किया. लोगों को पहले लगा कि शायद नियुक्ति पत्र पाने वाला कोई डॉक्टर है. बाद में पता चला कि वह यूथ कांग्रेस का कोई नेता है. अब नियुक्ति पत्र बांटने के लिए आयोजित सरकारी समारोह को राजनीतिक चशमे से देखा जाने लगा है.
कार्यक्रम में मंत्री इरफान अंसारी व अधिकारियों के पीछे बैठा प्रतीक.
राजनीति में कुछ परंपराएं प्रचलित हैं. इसमें से एक, किसी छोटे नेता द्वारा अपने घर में बड़े नेता के साथ अपनी तस्वीर लगाना. दूसरी परंपरा है किसी बड़े नेता द्वारा पब्लिक में किसी छोटे नेता के कंधे, सिर पर हाथ रखना या उसके बारे में बताना. इन दोनों ही परंपराओं के गहरे और अप्रत्यक्ष मायने हैं. बड़े नेता के साथ तस्वीर लागने मतलब ऊपर तक पहुंच बताना होता है. छोटे नेता के सिर पर हाथ फेरने का मतलब उसे उसकी पहुंच खुद तक बताना होता है. ताकि सनद रहे...
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