
Jamshedpur : कोविड काल में सभी स्कूल-कॉलेज बन्द थे. सभी परीक्षाएं ऑनलाइन ली गईं. इसके बाद स्थिति सामान्य होने तक कक्षा में अनुपस्थिति की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया. लेकिन नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी (एनएसयू) के विद्यार्थियों ने आरोप लगाया है कि उनसे कक्षा में अनुपस्थिति के आधार फाइन वसूला जा रहा है. एक सेमेस्टर में 75% से कम अटेंडेंस होने पर फाइन की राशि तय की गई है. 75% से 65% अटेंडेंस होने पर 1000 रुपए फाइन, 65% से 55% के बीच अटेंडेंस होने पर 3000 रुपए फाइन लिया जा रहा है. इसी तरह से घटते अटेंडेंस प्रतिशत के आधार पर फाइन की राशि 5000 और 8000 तक जा रही है. सबसे ताज्जुब की बात तो यह है कि फाइन की जानकारी छात्रों को सेमेस्टर की समाप्ति पर रजिस्ट्रेशन के वक्त दी जा रही है. सेमेस्टर की शुरुआत में छात्रों को फाइन से संबंधित कोई जानकारी नहीं दी गई थी.
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एनएसयू के सेमेस्टर तीन में पढ़ने वाली शिल्पा कुमारी कहती है कि इस तरह से फाइन वसूली की जानकारी नहीं दी गई थी. पिछले दो सेमेस्टर में हमें लगातार क्लास अटेंड करने को जरूर कहा जाता था लेकिन कभी ये नहीं कहा गया कि अटेंडेंस प्रतिशत के आधार पर फाइन की वसूली की जाएगी. सेमेस्टर तीन की ही एक छात्रा कहती है कि कोविड गाइडलाइंस में यह साफ तौर पर कहा गया था यदि जरूरी हो तभी कॉलेज जाएं. ऐसे में क्लासेस अटेंड करने की अनिवार्यता ही नहीं थी. फिर कॉलेज प्रबंधन किस आधार पर फाइन की वसूली कर रहा है. इसकी जानकारी हमें पहले कभी नहीं दी गई.
छात्र ने मुख्यमंत्री को ट्विट कर दी जुर्माना वसूलने की जानकारी
एनएसयू के एक छात्र अनिरूद्ध ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ट्विट किया है कि नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय में तीसरा सेमेस्टर अगस्त 2021 में शुरू किया गया था. फरवरी 2022 में अंतिम परीक्षा होने वाली है. अब कम उपस्थिति के लिए यूनिवर्सिटी जुर्माना ले रहा है. पिछले दो सेमेस्टर में कोई जुर्माना देने के लिए नहीं कहा गया था. न तो पूर्व नोट पर सूचित किया गया और न ही कोई संदेश दिया गया कि जुर्माना लिया जाएगा. अचानक यूनिवर्सिटी 10 हजार रुपए तक जुर्माना ले रहा है. इस संबंध में एनएसयू प्रशासनिक हेड नागेंद्र सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों को कम अटेंडेंस के लिए नोटिस दिया गया है. अनुपस्थित रहने वाले विद्यार्थी अब दबाव बना रहे हैं कि उन्हें सेमेस्टर का फीस न देना पड़े.
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