Bermo: पेटरवार प्रखंड के बाल विकास परियोजना में 28 सेविका का मानदेय काट लिया गया है. इसे लेकर वे परेशान हैं. महिला पर्यवेक्षिका तैयबा खातुन और कुतंल रानी द्वारा बिना कारण बताए मानदेय काट दिया गया है.
सेविकाओं को धमकी दी जाती है
झारखंड राज्य समाज कल्याण आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर न्याय दिलाने की मांग की है. संघ के अध्यक्ष रेखा देवी ने पत्र में लिखा है कि पर्यवेक्षिका द्वारा सेविकाओं को अनावश्यक रूप से धमकी दी जाती है. उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है. कहा कि वर्ष 2020 में 10 आदिवासी और 6 पिछड़ी जाति की सेविका और 2021 में 12 आदिवासी सेविका का मानदेय काट दिया गया है. संघ के अध्यक्ष ने कहा कि मानदेय काटे जाने का कारण पूछने पर सेवा बर्खास्त करने की धमकी दी जाती है. शनिवार को संघ के अध्यक्ष और अन्य पदाधिकारी झारखंड प्रदेश मुखिया संघ के महासचिव अजय कुमार सिंह से पेटरवार के बुंडू पंचायत सचिवालय में मिले. उन्होंने पर्यवेक्षिका द्वारा सेविकाओं का शोषण किए जाने की शिकायत की.
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सेविकाओं को परेशान किया जा रहा है
महासचिव ने कहा कि पर्यवेक्षिका द्वारा भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए ही सेविकाओं को तंग किया जा रहा है. पर्यवेक्षिका को जो काम क्षेत्र में जाकर करना चाहिए वह क्षेत्र न जाकर सेविकाओं को कार्यालय बुलाकर बैठे-बैठे किया जाता है. सेविकाओं को अनावश्यक रूप से पैसा खर्च कर कार्यालय जाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में वे विभाग के प्रधान सचिव और विभागीय मंत्री से मिलकर पर्यवेक्षिका द्वारा मनमानी किये जाने की शिकायत करेंगे. आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ ने पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद से भी पर्यवेक्षिका तैयबा और कुतंल रानी की शिकायत की है. उन्होंने बोकारो उपायुक्त को इस संबंध में जानकारी दी है और सेविकाओं का मानदेय का भुगतान और पर्यवेक्षिका पर कार्रवाई करने की मांग की है.
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