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रेनबो चित्रकला में महिला कलाकारों ने चित्रों में दिखाया जलवायु परिवर्तन का प्रभाव

Ranchi : डॉ. राम दयाल मुंडा जनजातीय शोध संस्थान में 20 मई से तीन दिवसीय जेंडर और क्लाइमेट चेंज पर रेनबो चित्रकला कार्यशाला का आयोजन हुआ. झारखंड की 19 युवा महिला कलाकारों ने जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को अपने चित्रों के माध्यम से उजागर किया. यह कार्यशाला `असर` और `देशज अभिक्रम` के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित की जा रही है.   राज्यसभा सांसद महुआ माजी ने इस कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा कि, जलवायु परिवर्तन के मुद्दों पर आदिवासी महिलाओं की भागीदारी और दृष्टिकोण बेहद महत्वपूर्ण है. आयोजकों ने इस अनूठी पहल के जरिए एक जरूरी और उपेक्षित विषय को रचनात्मक माध्यम से सामने लाने का कार्य किया है.   पर्यावरणविद्  नीतीश प्रियदर्शी ने नारी का पर्यावरण पर योगदान और उनकी मेहनत के बारे में बताते हुए कहा कि नारी नहीं तो प्रकृति नहीं.`देशज अभिक्रम` के संस्थापक शेखर ने कहा कि हम चाहते हैं कि यह मंच राज्य की महिला कलाकारों के लिए न सिर्फ एक रचनात्मक अभिव्यक्ति का साधन बने, बल्कि यह उनके अनुभवों और आवाजों को नीति निर्माण की दिशा में भी प्रेरित करे.   वहीं `असर` की निदेशक नेहा सैगल ने कहा कि कला के जरिए हम जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं रखते, बल्कि इसे भावनात्मक और जीवन से जुड़ी कहानियों के रूप में सामने लाते हैं. इस कार्यशाला में शामिल कलाकारों में रोशनी खलखो, मनीता कुमारी उरांव, सुधा कुमारी, ज्योति वंदना लकड़ा, शुशमी रेखा, निशी कुमारी, अनुकृति टोप्पो, दिव्यश्री, रितेषणा, रंजिता सिंह, सृजिता मल, पिंकी कुमारी, मानसी टोप्पो, कोरबी दास, चांदनी कुमारी, तान्या मिंज, सोफिया मिंज, नीलम निरद और अर्पिता राज निरद हैं. कार्यशाला के अंतर्गत तैयार चित्रों की एक प्रदर्शनी आगामी महीने में रांची में आयोजित किए जाने की योजना भी बनाई गई है, जिससे आम जन और नीति-निर्माताओं के बीच इस महत्वपूर्ण विषय पर संवाद को और अधिक गति मिल सके.   इसे भी पढ़े -JPSC">https://lagatar.in/interview-for-recruitment-to-the-post-of-assistant-professor-in-jpsc-from-22nd/">JPSC

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