- शहरी के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में जांच संख्या बढ़ाने और रिपोर्ट समय पर देने का दिया निर्देश
Ranchi : कोरोना संक्रमण धीरे-धीरे कम हो रहा है, लेकिन यह समय महत्वपूर्ण है. अभी ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है, ताकि कोरोना की रफ्तार पर लगाम लगायी जा सके. इसके लिए शहरी क्षेत्र के साथ ग्रामीण क्षेत्र में भी कोविड-19 की रोकथाम के लिए फोकस है. यह बातें रांची डीसी ने कोविड 19 के रोकथाम के लिए सोमवार को आयोजित विभिन्न कोषांगों की समीक्षा बैठक में कही. इस दौरान उन्होंने कोरोना पर नियंत्रण के लिए गांवों पर भी विशेष ध्यान देने को महत्वपूर्ण बताया. इन क्षेत्रों में रोकथाम के लिए पंचायत स्तर से काम करने की बात कही. इसके लिए पंचायत स्तर पर अधिकारियों टास्क फोर्स टीम बनाने का निर्देश दिया, जो डोर टू डोर और अति संक्रमित क्षेत्रों में जांच करेगी.
शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में जांच संख्या बढ़ाने और रिपोर्ट समय पर देने का दिया निर्देश
पंचायत और प्रखंड स्तर पर होम आइसोलेशन किट वितरण के लिए टास्क फोर्स टीम बनाने की बात कही. शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना जांच की संख्या बढ़ाने का साथ ही टेस्ट रिपोर्ट समय पर देने का निर्देश दिया. इसके साथ ही उन्होंने कांटेक्ट ट्रेसिंग बढ़ाने पर भी चर्चा की.
बेड की संख्या बढ़ाने का दिया निर्देश
रांची डीसी ने मौजूदा हालात देखते हुए पदाधिकारियों को भविष्य में कितने बेड की आवश्यकता होगी, इस पर वर्कआउट रिपोर्ट देने को कहा. इसे देखते हुए बेड की संख्या बढ़ाने पर भी जोर दिया.
18+ वैक्सीनेशन के लिए बनाए जाएंगे नए केंद्र
जिले में 18+ और 45+ वैक्सीनेशन की जानकारी लेने के साथ ही कितनों का टीका हुआ, कितने के स्लॉट बुक हैं आदि सभी की जानकारी लेते हुए हर दिन रिपोर्ट देने का निर्देश दिया. उन्होंने इस संबंध में कहा कि वैक्सीनेशन का मोमेंटम ब्रेक नहीं होना चाहिए. केंद्रों पर जांच जारी रहगी. साथ ही 18+ वैक्सीनेशन के लिए और नये सेंटर बनाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिया.
होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों की सुविधाओं की साप्ताहिक रिपोर्ट देने का दिया निर्देश
होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों के बीच मेडिसिन किट वितरण की भी समीक्षा की गई. आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों को दी जाने वाली सुविधाओं की साप्ताहिक रिपोर्ट देने का निर्देश दिया. अवसर पर डीसी ने आईडीएसपी, सैंपल कलेक्शन, डिस्चार्ज मैनेजमेंट, बेड मैनेजमेंट, डेथ मैनेजमेंट, आईईसी आदि की भी समीक्षा करते हुए संबंधित पदाधिकारियों को जरूरी दिशा-निर्देश दिए.