पुलिस कर रही जल्द कार्रवाई की बात
Ranchi: रिवर व्यू प्रोजेक्ट के जरिये नदी की जमीन को बेचने की तैयारी में लगे भू-माफिया कमलेश समेत 8 लोगों के खिलाफ दर्ज मामले की जांच में पुलिस ने उनपर लगे आरोपों को सही पाया है. डीएसपी हेडक्वार्टर-1 ( कांके डीएसपी) नीरज कुमार से लगातार संवाददाता ने इस पूरे मामले पर बातचीत की. उन्होंने कहा कि रिवर व्यू के मामले में अब तक पुलिसिया जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि कमलेश समेत 8 लोगों की संलिप्तता है. कमलेश समेत उसके 8 सहयोगियों के खिलाफ चल रही जांच में उनपर लगे आरोप सही पाए गए हैं.
प्रारंभिक जांच में पाया गया है कि इस प्रोजेक्ट में आदिवासी जमीन की खरीद-फरोख्त,नदी की जमीन को अतिक्रमित करने और सरकारी जमीन पर गैरकानूनी तरीके से कब्जा करने समेत अन्य गंभीर कृत्यों को में इनकी संलिप्तता है. उन्होंने बताया कि केस ट्रू होने के बाद अब कमलेश की गिरफ्तारी के लिए प्रयास शुरू कर दिए गए हैं. और कांके थाना प्रभारी को इसके लिए सख्त निर्देश भी दिया गया है.
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लगातार डॉट इन ने रिवर व्यू प्रोजेक्ट की असलियत सबके सामने लाई थी. इस प्रोजेक्ट में आदिवासी और गैरमजरूआ जमीन के साथ साथ बीएयू और नदी की जमीन भी बेचने के लिए प्रशासन पुलिस और जमीन कारोबारियों की साठगांठ का खुलासा हमने किया था. अब तक रिवर व्यू प्रोजेक्ट मामले में कांके के तत्कालीन सीओ और कर्मचारी सस्पेंड हो चुके हैं. लेकिन कमलेश की गिरेबान तक अब तक पुलिस नहीं पहुंच पाई है.
बता दें कि कांके के नगड़ी मौजा में जुमार नदी का समतलीकरण कर उसे बेचे जाने की तैयारी की जा रही थी. और विभिन्न 14 अलग अलग प्लॉटों की कुल लगभग 20 एकड़ से ज्यादा भूमि को भी बेचने की कोशिश की जा रही थी. उक्त खाता और प्लॉट में ज्यादातर भूमि बकास्त भुइंहरी ,गैरमजरुआ मालिक, बीएयू अर्जित और गैरमजरुआ भुइंहरी पहनाई प्रकृति की है.
इस मामले में प्रोजेक्ट के संचालक कमलेश कुमार के खिलाफ दो-दो एफआईआर दर्ज करवाई गई है. लेकिन कार्रवाई के नाम पर अब तक कुछ भी नहीं हुआ. जो अपने आप में पूरे सिस्टम पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है. सवाल ये की क्या एक भू माफिया के सामने पूरा तंत्र बौना है, या फिर कार्रवाई के नाम पर सिर्फ कागजी खानापूर्ति की की जा रही है.
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