New Delhi : सुप्रीम कोर्ट में आज नये संसद भवन का उद्घाटन राष्ट्रपति से करवाने के लिए दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई होगी. जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस पीएस नरसिम्हा की अवकाशकालीन बैंच इस मामले को सुनेगी.

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Supreme Court to hear tomorrow a PIL seeking a direction that the new Parliament building should be inaugurated by the President of India Droupadi Murmu on May 28.
— ANI (@ANI) May 25, 2023
वकील सीआर जया सुकीन याचिकाकर्ता हैं
वकील सीआर जया सुकीन याचिकाकर्ता हैं. उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि राष्ट्रपति देश की प्रथम नागरिक हैं. संविधान के अनुच्छेद 79 के अनुसार राष्ट्रपति संसद का अनिवार्य हिस्सा हैं. अपनी याचिका में गुहार लगाते हुए कहा है कि लोकसभा सचिवालय ने राष्ट्रपति से नहीं वरन् प्रधानमंत्री से उद्घाटन करवाने का फैसला लिया है. यह गलत है.
राष्ट्रपति ही प्रधानमंत्री को नियुक्त करते हैं.
याचिका में कहा गया है कि देश के संवैधानिक प्रमुख होने के नाते राष्ट्रपति ही प्रधानमंत्री को नियुक्त करते हैं. अनुच्छेद 85 के तहत राष्ट्रपति संसद का सत्र बुलाते हैं. संविधान के अनुच्छेद 87 के तहत हर साल के पहले सत्र (बजट सत्र) की शुरुआत राष्ट्रपति के अभिभाषण से ही होती है.
सत्र के पहले दिन उनका संसद में अभिभाषण होता है. संसद से पारित सभी विधेयक राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद ही कानून बनते हैं. इसलिए, राष्ट्रपति से ही संसद के नये भवन का उद्घाटन कराया जाना चाहिए.

विपक्ष ने किया है बहिष्कार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 मई को संसद के नये भवन का उद्घाटन करेंगे. लेकिन लगभग 20 विपक्षी पार्टियों ने उद्घाटन समारोह के बहिष्कार का ऐलान किया है. विपक्ष का कहना हा कि नयी संसद का उद्घाटन प्रधानमंत्री को नहीं, राष्ट्रपति को करना चाहिए.

