Vinit Upadhyay
Ranchi: न्याय की लड़ाई लड़ने वाली महिला वकीलों को भी अपने लिए आवाज उठाना पड़ रहा है क्यों कि महिला वकीलों को भी कोर्ट में पुरूष वकीलों से अभद्र टिप्पणी सुनने को मिलता है. पुरूष वकील महिलाओं और महिला वकीलों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं.इतना ही नहीं अगर कोई महिला अधिवक्ता पेचीदे मुकदमों में अपने मुवकील को राहत दिलाने में कामयाब हो गयी. तो वकील साहब ये कहने से भी नहीं चूकते की मैडम की खूबसूरती के कारण उन्हें या उनके क्लाइंट को राहत मिली है. जी हां ये सारी बातें हम नहीं कह रहे बल्कि ये कहना है झारखंड के अलग-अलग जिलों और झारखंड हाईकोर्ट में प्रेक्टिस कर रही महिला वकीलों का. ऐसी हरकत करने वाले वकीलों की संख्या गिनती की है लेकिन इससे सभी वकीलों की छवि धूमिल हो रही है. कई महिला वकीलों ने अपने साथ हुई बदसलूकी की लिखित शिकायत काउंसिल को भी दी है. लेकिन कार्रवाई के नाम पर ज्यादा कुछ हुआ. सिर्फ वकील साहब को नोटिस जारी कर दिया गया और मामले की फ़ाइल धूल फांकने के लिए कहीं रख दी गयी.
वुमेन ग्रीवांस सेल का गठन किया गया था
झारखंड स्टेट बार काउंसिल की एक मात्र निर्वाचित महिला सदस्य रिंकू भगत कहती हैं कि इस सभी शिकायतों के निपटारे के लिए वुमेन ग्रीवांस सेल का गठन किया गया था. लेकिन पिछले लगभग एक वर्ष से ज्यादा समय से वुमेन ग्रीवांस सेल की कमिटी अस्तित्व में नहीं है. लेकिन महिला सदस्य होने के कारण अलग-अलग जिलों और झारखंड हाईकोर्ट से महिला वकीलों के साथ अभद्रता की शिकायत और अपने सीनियर वकीलों द्वारा अश्लीलता किये जाने की शिकायत उन्हें मिलती रहती हैं. कई मामलों की लिखित शिकायत महिला वकीलों ने बार काउंसिल ऑफ़ इण्डिया में भी की है. आपको ये जानकर हैरानी होगी कि विद्वान कहे जाने अधिवक्ता अपने साथ काम करने वाली महिला वकीलों को तरह तरह से परेशान करते हैं. और उनका मनोबल तोड़ने की कोशिश करते हैं.
महिला वकीलों ने दी लिखित शिकायत
अपनी साथी महिला वकीलों की कुर्सी जला देना, महिला वकीलों के बैठने की जगहों पर अश्लील बातें करना और उनपर फब्तियां कसने के अलावा कुछ मामलों में महिला वकीलों का संबंध बेवजह किसी कोर्ट के स्टाफ या पदाधिकारी के साथ जोड़ने जैसी गंभीर शिकायतें काउन्सिल को कई महिला वकीलों ने लिखित रूप में दी है.