New Delhi : भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला 18 दिन की अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) यात्रा पूरी कर धरती पर लौट आये. यह उनकी पहली अंतरिक्ष यात्रा थी. वे एक्सिओम मिशन 4 (Ax-4) का हिस्सा थे. खबर है कि शुभांशु स्पेसएक्स के ग्रेस (Grace) यान से लौटे.
#WATCH | Group Captain Shubhanshu Shukla and Axiom-4 crew assisted out of the Dragon Spacecraft onto the recovery vehicle, after their return to the earth from the International Space Station 18 days later#AxiomMission4
— ANI (@ANI) July 15, 2025
(Video Source: Axiom Space/ YouTube) pic.twitter.com/f57N8K2qCa
Splashdown!: The Dragon has landed, Group Captain Shukla piloted Ax-4 mission back on earth
— ANI Digital (@ani_digital) July 15, 2025
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Prime Minister Narendra Modi tweets, "I join the nation in welcoming Group Captain Shubhanshu Shukla as he returns to Earth from his historic mission to Space. As India's first astronaut to have visited International Space Station, he has inspired a billion dreams through his… pic.twitter.com/vZzhOylyej
— ANI (@ANI) July 15, 2025
Watch Dragon and Ax-4 return to Earth https://t.co/n97iYzRQv5
— SpaceX (@SpaceX) July 15, 2025
#WATCH | लखनऊ | ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का परिवार एक्सिओम-4 ड्रैगन अंतरिक्ष यान के पृथ्वी पर लौटने पर जश्न मना रहा है। pic.twitter.com/50k4RckX31
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 15, 2025
शुभांशु शुक्ला ने कैलिफोर्निया तट के पास प्रशांत महासागर में सुरक्षित लैंडिंग की. उनके यान ने आज 15 जुलाई दोपहर तीन बजे लैंड किया. शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा को भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए गर्व का क्षण करार दिया गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, मैं ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का उनके ऐतिहासिक अंतरिक्ष मिशन से पृथ्वी पर लौटने पर पूरे देश के साथ स्वागत करता हूं. अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का दौरा करने वाले भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री के रूप में, उन्होंने अपने समर्पण, साहस और अग्रणी भावना से करोड़ों सपनों को प्रेरित किया है. यह हमारे अपने मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन गगनयान की दिशा में एक और मील का पत्थर है.
शुभांशु शुक्ला 25 जून 2025 को फाल्कन 9 रॉकेट से लॉन्च हुए थे. 26 जून को ISS से जुड़े थे. इस दौरान उन्होंने 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग किये, जिसमें मांसपेशियों की हानि, मानसिक स्वास्थ्य और अंतरिक्ष में फसल उगाने जैसे शोध शामिल थे.