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भारतीय कंपनियों को अब देश नहीं, विदेशों में निवेश करना पसंद, यह मोदी सरकार के प्रति कॉर्पोरेट जगत का अविश्वास प्रस्ताव

 NewDelhi :  मोदी सरकार के दस साल में भारत में निवेश का माहौल सुस्त रहा है. यह कहना है कांग्रेस का. कांग्रेस महासचिव (संचार प्रभारी) जयराम रमेश ने केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों को लेकर आज सोमवार को मोदी सरकार पर हल्ला बोला. दावा किया कि भारत में निवेश करने में निजी क्षेत्र की अनिच्छा, नरेन्द्र मोदी सरकार के प्रति कॉर्पोरेट जगत का अविश्वास प्रस्ताव है.  कांग्रेस ने   सरकार(मोदी) से केन्द्रीय बजट 2025 में देश में घरेलू निवेश को प्रोत्साहित करने और उसे बनाये रखने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया. क्योंकि कांग्रेस का दावा है, गिरावट आ रही है. इसी क्रम में जयराम रमेश ने कहा कि मोदी दशक` में भारत में निवेश का माहौल सुस्त रहा है.

मोदी शासन में केवल चार-पांच व्यावसायिक समूह ही विकास कर सकते हैं

जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि सकल स्थायी पूंजी निर्माण मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्रित्व काल के दौरान सकल घरेलू उत्पाद के औसतन 32 प्रतिशत से गिरकर पिछले 10 वर्षों में लगातार सकल घरेलू उत्पाद के 29 प्रतिशत से नीचे आ गया है. कहा कि देश में निवेश सुस्त है, क्योंकि बड़े पैमाने पर उपभोग में तेजी नहीं आ रही है.  अधिकारी व्यवसायियों को धमका रहे हैं और उन्हें डरा रहे हैं.  यह धारणा बढ़ रही है कि मोदी शासन में केवल चार-पांच व्यावसायिक समूह ही विकास कर सकते हैं.

2024 में शुद्ध प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 12 साल के निचले स्तर पर आ गया 

रमेश ने कहा, अब मोदी सरकार के तहत भारत में निवेश करने के लिए निजी क्षेत्र की अनिच्छा का नया सबूत सामने आया है. इस साल अप्रैल-अक्टूबर (2024) में शुद्ध प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) 12 साल के निचले स्तर पर आ गया है. दावा किया कि भारतीय कंपनियां अपने देश के बजाय विदेशों में निवेश करना पसंद कर रही हैं,यह मोदी सरकार के प्रति कॉर्पोरेट अविश्वास प्रस्ताव है. उन्होंने कहा कि एफडीआई बहुत ही महत्वपूर्ण है, लेकिन उससे अधिक मौलिक है डीआई -घरेलू निवेश. कहा कि डीआई को कैसे प्रोत्साहित और बनाये रखा जाये, यह पेश होने वाले आगामी केंद्रीय बजट की केंद्रीय चिंता होनी चाहिए. जान लें कि केन्द्रीय बजट 1 फरवरी को पेश किया जायेगा.
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