New Delhi : भारत हाल के दिनों में आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से कदम बढ़ा रहा है. यही वजह है कि भारत सरकार के द्वारा आत्म निर्भर अभियान के साथ ही रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर भी लगातार ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है. हमारे वैज्ञानिक हर सप्ताह नयी तकनीक के साथ सामने आ रहे हैं. भारतीय वैज्ञानिकों ने इसी सप्ताह एलान किया है कि उन्होंने एक ऐसी तकनीक की खोज की है जो थर्मल पावर प्लांट के सभी हिस्सों को बेहतर सुरक्षा प्रदान करती है. इसे भी पढ़ें -
सांसद">https://lagatar.in/mp-sunil-soren-flagged-off-mayurakshi-express/">सांसद सुनील सोरेन ने मयूराक्षी एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
कोटिंग तकनीक बॉयलर पाट्स की लाइफ बढ़ा देती है
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बताया है कि लेजर आधारित क्लैड कोटिंग तकनीक एक ऐसी तकनीक है जो वर्तमान मौजूद तकनीकों के मुकाबले बॉयलर पाट्स की लाइफ को दो से तीन गुना बढ़ा सकती है. जानकारी दी गयी कि इस समय बिजली की मांग को देखते हुए मरम्मत के लिये होने वाले शटडाउन या काम के दौरान खराबी आने पर काफी नुकसान होता है. इसी दिक्कत से निपटने के लिये कोटिंग तकनीक विकसित की गयी है ,जो बॉयलर के पाट्स की लाइफ बढ़ाने में मदद करती है. इसमें लागत भी काफी आती है. जानकारी दी गयी कि इस तकनीक को भारतीय पेटेंट मिल चुका है. इसे भी पढ़ें -
क्या">https://lagatar.in/will-modi-still-retain-his-minister-of-state-for-home/">क्या मोदी अपने गृह राज्यमंत्री को अब भी साथ में बनाए रखेंगे?
बैटरी की क्षमता बढ़ाने के लिये कंपोजिट मैटिरियल की खोज
भारत ऊर्जा के क्षेत्र में काफी ध्यान दे रहा है. यानी पावर स्टोरेज के लिये बैटरी की क्षमता को बढ़ाने पर ध्यान दिया जा रहा है. इसकी एक वजह यह है कि अक्षय ऊर्जा को इसी की मदद से बढ़ावा दिया जा सकेगा. बिट्स पिलानी के डॉक्टर अनशुमान दलवी के नेतृत्व में अनुसंधान की एक टीम ने एक ऐसा कम्पोजिट मैटिरियल विकसित किया है जो ऊंचे तापमान पर भी स्थिर रह सकता है.[wpse_comments_template]
Leave a Comment