Vikash Ranchi : महंगाई लगातार बढ़ रही है. लॉकडाउन के पहले 25 मार्च 2020 तक रसोई गैस छोड़ दें तो तेल, दाल और अन्य खाद्य सामग्री के दाम कंट्रोल में थे. अनलॉक होने के बाद डीजल, पेट्रोल, गैस के दाम बढ़ने का असर तेजी से दिखने लगा. तब पेट्रोल 79, डीजल 69 रुपये लीटर था. रसोई गैस सिलेंडर 831 रुपये का था. दो सालों में डीजल 22 और पेट्रोल 23 रुपये महंगे हुए. एलपीजी सिलेंडर के दाम में अब फिर से 50 रुपये की वृद्धि की गई. जुलाई 2020 में सिलेंडर 618.50 रुपये का था. दो साल में अब यह 1007 रुपये का हो गया. यानी 2 साल में ही 390 रुपये एलपीजी के दाम बढ़े. जिससे एक साधारण होटल में खाने की थाली 40 से बढ़कर 60 रुपये की हो गई.
देखें वीडियो वहीं 6 रुपये में मिलने वाली चाय, कचौरी, समोसा, आलूचाप अब 8 रुपये की हो गई. कुछ स्थानों पर इनकी रेट 10 रुपये भी हो गई है. वहीं किराना सामग्री के दाम भी आसमान छू रहे हैं. रांची में अभी रिफाइन की कीमत प्रति लीटर 185 रुपये लीटर है. वहीं सरसों तेल की कीमत प्रति लीटर 190 रुपये है. इन बढ़ी हुई कीमतों का सीधा असर आम आदमी पर हो रहा है.
तेल, दाल और मसाले के रेट बढ़े, होटल में खाना महंगा
होटल व्यवसायी तरुण ने कहा कि धंधा मंदा चल रहा है. पहले तेल 1100 रुपये कंटेनर था, अब 2800 का हो गया है. खाने वाले तेलों की कीमतों में लगभग दोगुना से भी ज्यादा की वृद्धि हुई है. दाल, मसाले, सब्जियों के भाव दोगुने हो गए हैं. इन बढ़ी कीमतों के कारण हमारे लिए अपना धंधा पानी चलाना मुश्किल हो गया है. वहीं एक अन्य होटल व्यवसायी मनोज ने कहा कि कोरोना से पूर्व 4 रोटी, दाल, चावल, सलाद, रायता, पापड, एक हरी सब्जी की थाली 40 रुपये में देते थे. अब 60 रुपये ले रहे हैं. तेल की कीमतें बढ़ने से मजबूरन हमें भी खाने की कीमत बढ़ानी पड़ी है. उन्होंने यह भी कहा कि सरसो तेल की कीमतें होली में 200 के पार चली गई थी. यह महंगाई की मार बहुत भारी पड़ रही है. इसे भी पढ़ें-
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