Ranchi : झारखंड में दो कमरे वाले घरों में भी फार्मेसी कॉलेज का संचालन किया जा रहा है. बात यहीं खत्म नहीं होती है.एडमिशन और परीक्षा में भी फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है. जिसके बाद फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया ने फिजिकल वेरिफिकेशन का आदेश दे दिया है. स्वास्थ्य विभाग द्वारा जांच कमेटी का गठन किया गया और हर जिले में संचालित हो रहे हैं निजी फार्मेसी कॉलेजों का फिजिकल वेरिफिकेशन करने का निर्देश दिया गया. कमेटी में झारखंड फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार कौशलेंद्र कुमार और सदस्य के रूप में अध्यक्ष अनिल प्रसाद सिंह और उपाध्यक्ष जादुनाथ मार्डी को बनाया गया है.
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राज्य के 66 प्राइवेट फार्मेसी कॉलेज का करना है निरीक्षण
झारखंड फार्मेसी काउंसिल के रजिस्ट्रार कौशलेंद्र कुमार ने बताया कि पीसीआई के निर्देश पर दुमका जिले के आरएस राय कॉलेज ऑफ फार्मेसी का फिजिकल वेरिफिकेशन किया गया है. उनकी टीम ने इंफ्रास्ट्रक्चर, शैक्षणिक पदों पर नियुक्ति, लैब और लाइब्रेरी की जांच की. कमेटी इसकी रिपोर्ट पीसीआई को सौंपेगी. उन्होंने बताया कि झारखंड में कुल 66 निजी फार्मेसी कॉलेज का संचालन किया जा रहा है. इसमें प्राइवेट यूनिवर्सिटी और डीम्ड यूनिवर्सिटी भी शामिल हैं. कौशलेंद्र ने कहा कि पीसीआई ने 15 दिन के अंदर जांच कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया है.
कुछ की घटी सीटें, तो कुछ कॉलेजों में एडमिशन पर लगी रोक
इधर, फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया ने बिना अहर्ता के चल रहे राज्य के 13 फार्मेसी कॉलेजों में एडमिशन पर रोक लगा चुकी है. इन कॉलेजों में सत्र 2022-23 में एडमिशन रोका गया है. इनमें पूर्व स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी का पलामू में तेतरी चंद्रवंशी फार्मेसी कॉलेज भी शामिल है. इसके अलावा एसएसएमटी कॉलेज ऑफ फार्मेसी कोडरमा, जीरामणि जगदीश इंस्टीट्यूट ऑफ़ फार्मेसी चतरा, ब्राइट स्कूल ऑफ़ फार्मेसी बोकारो, आरोग्यम फार्मेसी कॉलेज गढ़वा शामिल हैं. इसके अलावा तीन कॉलेजों की सीटें भी घटाई गई है. इनमें कृष्णा इंस्टीट्यूट ऑफ़ फार्मेसी धनबाद, झारखंड फार्मेसी कॉलेज रांची और आरोग्यम फार्मेसी कॉलेज गढ़वा शामिल हैं.
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