Hazaribagh : अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (एबीआरएसए) की विनोबा भावे विश्वविद्यालय इकाई के तत्वावधान में रविवार को कर्तव्यबोध दिवस- 2023 पर संगोष्ठी हुई. स्थानीय डीवीसी सभागार में आयोजित इस संगोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता विनोबा भावे विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र कल्याण संकायाध्यक्ष डॉ बालेश्वर प्रसाद सिंह ने कहा कि समाज के लिए न्यौछावर ही कर्तव्य बोध है. उन्होंने कहा कि जीव-जंतुओं में नहीं, बल्कि मनुष्य के जीवन में ही कर्तव्य होता है. कर्तव्यबोध से ही मनुष्य में बौद्धिक विकास होता है.
‘विवेकानंद और सुभाषचंद्र बोस कर्तव्य बोध के सर्वोच्च उदाहरण’
डॉ बालेश्वर प्रसाद सिंह ने जोर दिया कि स्वामी विवेकानंद ने शिकागो सम्मेलन में अपने संबोधन से विश्व में पहचान बनाई, इसलिए वे आदर्श पुरुष माने जाते हैं. नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने आईएएस की सिविल सेवा की परीक्षा में सफल होकर भी देश के प्रति पद को त्याग कर देश सेवा से जुड़े अर्थात उनका देश प्रेम के प्रति आना कर्तव्य बोध है. कर्तव्य बोध मानव हित में होता है. सोने की चिड़िया एवं विश्व गुरु कहलाने वाला भारत देश पर सबसे ज्यादा विदेशी आक्रमण हुआ, इसलिए हमें संगठन विस्तार करना होगा, तभी देश विकसित होगा. अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के संगठन को और अधिक विस्तार करना होगा, तभी हम अपने कर्तव्यों से देश को विकसित कर सकेंगे.
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‘युवाओं को कर्तव्यबोध के प्रति जागरूक रहना होगा’
अपने संबोधन में मार्खम कॉलेज के भूगोल के विभागाध्यक्ष डॉ प्रदीप कुमार सिंह ने कहा कि हमारा कर्तव्य बोध परिवार, समाज एवं राष्ट्र के प्रति होना चाहिए. वर्तमान में समरसता समाप्त होती जा रही है तथा कट्टरता फैल रही है, इसलिए युवाओं को कर्तव्यबोध के प्रति जागरूक रहना होगा, क्योंकि युवा शक्ति ही परिवर्तन ला सकते हैं.इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में विनोबा भावे विश्वविद्यालय के पूर्व भौतिकी विभागाध्यक्ष सह प्रोक्टर जटाधर दूबे ने कहा कि निद्रा, तंद्रा, भय, क्रोध, आलस्य दीर्घ सूत्रता ये सभी कर्तव्यबोध के बाधक हैं. अभिभावकों का कर्तव्य बच्चों के प्रति एवं बच्चों को बड़ा होने पर अभिभावक के प्रति तथा दोनों का कर्तव्य देश के प्रति होता है. लाभ के लिए हम अपने कर्तव्यों को भूल जाते हैं.
‘वसुधैव कुटुंबकम की सोच भारतीयता है’
विशेष अतिथि के रूप में फिल्मकार गजानन पाठक ने कहा कि भारत की भारतीयता वसुधैव कुटुंबकम है. भारत में जन्म लिए हैं, तो भारतीयता हमारा कर्तव्य होता है. उन्होंने कहा कि योग के साथ कर्म की भी महानता होती है.
विनोबा भावे विश्वविद्यालय की पूर्व राष्ट्रीय सेवा योजना के समन्वयक डॉ विनोद रंजन ने कहा कि वर्तमान में हम रीतियों से अलग हो रहे हैं, जिससे कर्तव्यबोध में गिरावट हुई है. विश्वविद्यालय के पीजी विभाग के प्राध्यापक डॉ मनोज कुमार ने कहा कि युवाओं का कर्तव्य भारतीय संस्कृति की रक्षा करना है. अधिवक्ता संतोष पांडेय ने कहा कि कर्तव्य नहीं करने से बोध का ज्ञान नहीं होता. प्रदेश संगठन मंत्री सह संत कोलंबा कॉलेज के प्राध्यापक डॉ राजकुमार चौबे ने संगठन परिचय कराते हुए कहा कि कर्तव्यबोध के लिए संगठन शिक्षा हित पर कार्य कर रही है. संगठन का उद्देश्य राष्ट्रहित में शिक्षा, शिक्षा हित में शिक्षक एवं शिक्षक हित में समाज है. हमें अपने अधिकार के साथ कर्तव्य बोध का ज्ञान होना जरूरी है. शिक्षक अनवरत शिक्षा के साथ राष्ट्र भावना से कार्य करने में अपनी अहम भूमिका निभाती है. डॉ चौबे ने कहा कि यह कार्यक्रम अखिल भारतीय स्तर पर एक सम्मान कार्यक्रम के तहत प्रत्येक वर्ष केवल शिक्षकों के प्रति कर्तव्य भाव जागरूक तथा सीमित में नहीं अपितु हम समाज में कर्तव्य का स्मरण कराने में सहायक होंगे.
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स्वामी विवेकानंद की तस्वीर पर माल्यार्पण किया गया
संगोष्ठी में कार्यक्रम संयोजक डॉ सुबोध सिंह शिवगीत ने स्वागत संबोधन किया. संगोष्ठी की शुरुआत स्वामी विवेकानंद की तस्वीर पर माल्यार्पण एवं श्रद्धासुमन अर्पित कर तथा छात्रों के स्वागत गान पर किया गया. मंच संचालन संगठन के महामंत्री डॉ मृत्युंजय प्रसाद एवं धन्यवाद ज्ञापन विनोबा भावे विश्वविद्यालय के एमबीए विभाग के प्राध्यापक डॉ सरोज रंजन ने किया.
ये रहे मौजूद
इस अवसर पर अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ विनोबा भावे विश्वविद्यालय इकाई के अध्यक्ष सह संत कोलंबा कॉलेज के एनएसएस के प्रोग्राम ऑफिसर डॉ जयप्रकाश रविदास, महासंघ के संगठन मंत्री सह मार्खम कॉलेज के एनएसएस के प्रोग्राम ऑफिसर भोला नाथ सिंह समेत विनोबा विश्वविद्यालय के पूर्व खेल निदेशक डॉ सुकल्याण मोइत्रा, यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के डॉ एके मिश्रा, यूनिवर्सिटी लॉ कॉलेज के एनएसएस के प्रोग्राम ऑफिसर डॉ लक्ष्मी सिंह, संत कोलंबा कॉलेज के प्राध्यापक डॉ मुकेश कुमार, डॉ रविंद्र कुमार मिश्रा, धीरेंद्र कुमार रवि, डॉ संतोष सिंह, शंकर दुबे ,डॉ आरके दास, अनिल कुमार राणा समेत काफी संख्या में शिक्षक एवं छात्र उपस्थित थे.
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छात्रों ने पेश की स्वच्छता की मिसाल
अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के कर्तव्यबोध दिवस पर आयोजित संगोष्ठी में उपस्थित छात्रों ने संगोष्ठी समापन के पश्चात अपना पहला कर्तव्यबोध का परिचय देते हुए स्वच्छता की मिसाल पेश की. इस दौरान सभी छात्रों ने संगोष्ठी स्थल डीवीसी सभागार समेत परिसर में स्वच्छता अभियान चलाकर कचरे एवं गंदगी का निराकरण किया. इस स्वच्छता कार्यक्रम में एनएसएस के जिला नोडल पदाधिकारी बीएन सिंह समेत छात्रों में मुख्य रूप से राहुल कुमार, रवि रजक, रोहित कुमार, नितेश कुमार, अजीत कुमार आदि उपस्थित थे.