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क्या विकसित देश मर रहा है !

Surjit Singh तीन मई को End Wokeness नाम के एक्स हैंडल से एक ट्विट किया जाता है. जिसमें लिखा है- The entire developed world is dying. मतलब- संपूर्ण विकसित विश्व मर रहा है. इसके साथ एक Our World In Data का एक आंकड़ा अटैच है. 4 मई को दुनिया के सबसे रईस एलन मस्क ने इस ट्विट को री-ट्विट करते हुए लिखा है- The Great Population Collapse. मतलब- जनसंख्या का महान पतन. मानचित्र के साथ जो आंकड़ा दर्शाया गया है, उसके मुताबिक यूरोप, उत्तरी अमेरिका, जापान, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया जैसे विकसित देशों में जन्म दर 10 या उससे भी कम है. मतलब यह कि हर 1,000 व्यक्ति पर मात्र 10 बच्चे जन्म ले रहे हैं. यह दर न केवल जनसंख्या का संतुलन बनाये रखने के लिए अपर्याप्त है, बल्कि यह भी बताता है कि जनसंख्या तेजी से कम हो रहे हैं. https://lagatar.in/wp-content/uploads/2025/05/elon-musk-272x294.png"

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सवाल यह उठता है कि क्या सच में दुनिया के विकसित देश मौत के मुहाने पर खड़ा हैं. उनकी उम्र बस कुछ सौ साल ही बचे हैं. हमने इंटरनेट पर आंकड़ों को खंगाला, तो पाया कि सच में स्थिति बहुत ही भयभीत करने वाला है. और पूरी दुनिया एक गंभीर व बड़ी जनसंख्या संकट की ओर बढ़ रहा है. (दुनिया भर की अलग-अलग रिपोर्ट्स इंटरनेट पर उपलब्ध हैं)
पहले हम आंकड़े जान लें. आंकड़े वर्ष 2023 है हैं. जर्मनी, जापान, दक्षिण कोरिया, इटरी, स्पेन, रुस, कनाडा, आस्ट्रेलिया और चीन में प्रति 1000 लोगों पर सिर्फ 5-10 बच्चों का जन्म हुआ. दक्षिण कोरिया में सबसे कम 1000 लोगों पर 5 बच्चे का जन्म हुआ. जापान और इटली में 6-8 बच्चों का जन्म हुआ. भारत में यह संख्या 18-20 बच्चों का है. जबकि बंग्लादेश, पाकिस्तान व इंडोनेशिया में यह संख्या 20-25 बच्चों का है. जबकि नाइजर, चाड, अंगोला, कांगो, सोमालिया, माली, बुर्किना फासो जैसे अफ्रीकी देशें में 40-50 बच्चों का जन्म प्रति 1000 व्यक्ति पर हुआ. नाइजर का सबसे अधिक 50 बच्चे हैं.
  • भारत जैसे विकासशील देश, जहां की जन्म दर अभी बेहतर हो है, लेकिन तेजी से कम हो रहे हैं. नीति आयोग की रिपोर्ट नेशनल हेल्थ सर्वे के हवाले से कहती है कि वर्ष 2019-21 के बीच भारत में टोटल फर्टिलिटी रेसियो 2.0 रहा. मतलब यह कि एक महिला अपनी पूरी जिंदगी में सिर्फ दो बच्चों को जन्म दे रही हैं. यानी जनसंख्या बढ़ने का दर स्थिर नहीं है, कम हो गया है. दक्षिण के केरल जैसे राज्य में जनसंख्या तेजी से कम हो रहा है. हिन्दी प्रदेशों बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड में अभी तो स्थिति ठीक है, लेकिन जनसंख्या वृद्धि दर तेजी से कम हो रहा है.
आंकड़े से यह साफ है कि जो देश जितना विकसित है, जो अर्थव्यवस्था, तकनीक में जितना आगे है, वहां उतने अधिक संकट हैं. डाउन टू अर्थ में प्रकाशित एक लेख में कहा गया है कि जन्म दर में लगातार गिरावट एक बड़ी चुनौती है. जनसंख्या को स्थिर रखने के लिए प्रति महिला 2.1 बच्चे का जन्म होना चाहिए. लेकिन विकसित देशों में यह बहुत कम है. 
जनसंख्या को लेकर सबसे खराब स्थिति जापान की है. जापान में 2024 में केवल 7,20,998 बच्चे पैदा हुए, जो 2023 की तुलना में 5% कम है. यह 1899 के बाद सबसे कम जन्म दर है. देश की कुल प्रजनन दर 1.26 है. जापान की जनसंख्या में 29.3% लोग 65 वर्ष या उससे अधिक आयु के हैं और 2070 तक जनसंख्या और 30% घटकर 8.7 करोड़ हो सकती है. नव भारत टाइम्स की एक रिपोर्ट कहती है- जापान में 2023 में विवाहों की संख्या 90 वर्षों में पहली बार 5,00,000 से कम (4,89,281) रही. युवाओं में परिवार शुरू करने की रुचि कम हो रही है. [caption id="attachment_1044190" align="aligncenter" width="272"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2025/05/image-14-272x204.jpg"

alt="" width="272" height="204" /> जापान में बुजुर्गों की संख्या तेजी से बढ़ रही है.[/caption] जर्मनी दूसरे नंबर पर है. जर्मनी में प्रजनन दर 1.4 है. 2024 तक, देश की जनसंख्या अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच चुकी है और अब तेजी से घट रही है. बुजुर्ग आबादी का अनुपात बढ़ रहा है, जिससे काम करने वाले लोगों की संख्या कम हो रही है. इस देश के पारिवारिक ढांचे में बदलाव देखा जा रहा है. लोग देर से शादी कर रहे हैं या परिवार बढ़ाना नहीं चाहते.
तीसरे नंबर पर इटली आता है. इटली में प्रजनन दर 1.3 के करीब है. 2024 तक, इटली भी जनसंख्या के उच्चतम स्तर को छू चुका है और अब घट रही है. बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक इटली में भी विवाह दरें घट रही हैं, और एकल परिवारों की संख्या बढ़ रही है. सांस्कृतिक पहचान वैश्वीकरण के दबाव में कमजोर पड़ रही है.
इन देशों में बुजुर्ग आबादी बढ़ रही है, जबकि युवा जनसंख्या की संख्या कम हो रहा है. इस कारण इन देशों में पेंशन, राशन व स्वास्थ्य सेवाओं पर भारी दबाव देखा जा रहा है. 
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