Ranchi: झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता को मई महीने से वेतन नहीं मिलेगा. महालेखाकार द्वारा डीजीपी सह आइजी के पद से लिए नया पे-स्लिप जारी नहीं किया जायेगा. सूत्रों के मुताबिक इसकी वजह केंद्र सरकार द्वारा अनुराग गुप्ता की सेवा को अवधि विस्तार नहीं किया जाना है. राज्य सरकार द्वारा किसी अधिकारी को डीजीपी सह आइजी के पद पर नियुक्त किये जाने के बाद महालेखाकार उस पदनाम से पे-स्लिप जारी करता है.
ऑल इंडिया सर्विस के अधिकारियों का सेवा इतिहास महालेखाकार के पास रहता है. इसलिए किसी पदनाम से पे-स्लिप जारी करते वक्त पर उस पर रिटायटमेंट का ब्योरा लिखा होता है. रिटायरमेंट की तिथि के बाद पहले जारी किये गये पे-स्लिप से वेतन की निकासी नहीं की जा सकती है.
ऑल इंडिया सर्विस रूल के आलोक में 60 साल की उम्र में अनुराग गुप्ता की सेवानिवृति तिथि 30 अप्रैल 2025 निर्धारित थी. सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश के आलोक डीजीपी का कार्यकाल दो साल का निर्धारित है, भले ही वह दो साल से पहले सेवानिवृत क्यो न हो जाएं. सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश के आलोक में रिटायरमेंट की तिथि के बाद डीजीपी के रूप में दो साल का कार्यकाल पूरा करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा अवधि विस्तार दिया जाता है.
ऑल इंडिया सर्विस के अधिकारियों को सेवा विस्तार का लाभ देने का अधिकार सिर्फ केंद्र सरकार के पास सुरक्षित है. अनुराग गुप्ता के मामले में केंद्र सरकार ने 30 मार्च के बाद सेवा में अवधि विस्तार देने से इनकार किया है. सूत्रों ने जानकारी दी है कि इस कारण महालेखाकार मई से उनका पे-स्लिप नहीं बनायेगा.
एकीकृत बिहार में रिटायरमेंट के बाद महालेखाकार द्वारा पे-स्लिप नहीं जारी करने की वजह से वेतन बंद होने के कई उदाहरण है. इसमें सबसे चर्चित उदाहरण तत्कालीन मुख्य मंत्री लालू प्रसाद के प्रधान सचिव मुकुंद प्रसाद का है. मुकुंद प्रसाद रिटायरमेंट के बाद भी मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के रूप में कार्य कर रहे थे. केंद्र सरकार ने सेवा विस्तार नहीं दिया था. इसलिए महालेखाकार ने उनका पे-स्लिप जारी नहीं किया. इससे उनका वेतन मिलना बंद हो गया था.