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असंवैधानिक है संसद से पारित कृषि कानूनों पर सदन में चर्चा करना- बाबूलाल

  • लोकतंत्र में गलत परिपाटी की हो रही शुरूआत
  • सोमवार को सदन में होगी कृषि कानूनों पर चर्चा
  • बीजेपी करेगी कृषि कानूनों पर चर्चा का विरोध
Ranchi: झारखंड विधानसभा के चालू बजट सत्र में सोमवार को संसद द्वारा पारित कृषि कानून पर चर्चा होना है. इसे लेकर बीजेपी विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने राज्य सरकार पर गलत परिपाटी शुरू करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि विधानसभा अध्यक्ष ने अपनी कार्यसूची में कृषि कानून पर चर्चा कराने की बात की है, जो असंवैधानिक है. कांग्रेस पार्टी किसानों के नाम पर केवल राजनीति कर रही है. उन्होंने कहा कि 2019 में कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कहा था सरकार बनने पर हम मंडी को खत्म करेंगे. आज वही कांग्रेस संसद के दोनों सदन से पास कृषि कानून के ऊपर झारखंड विधानसभा में चर्चा करने जा रही है. उनका ये विरोध महज राजनीति है.

विधानसभा अध्यक्ष पर निशाना

बाबूलाल ने आगे कहा कि कृषि कानून में अगर कोई खामी है तो चर्चा करें, केंद्र सरकार तैयार है. विधानसभा अध्यक्ष पर निशाना साधते हुए बाबूलाल ने कहा कि वे तो सदन में तो मुझे कुछ बोलने नहीं देते, ऐसे में उन्होंने एक दिन पहले मीडिया में आकर बोलना उचित समझा. इसे भी पढ़ें- सुवेंदु">https://lagatar.in/father-of-suvendu-adhikari-join-bjp-shah-said-tmc-goons-will-be-punished-after-may-2/40332/">सुवेंदु

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बाबूलाल ने कहा कि मोदी सरकार ने कभी नहीं कहा है कि मंडी या एमएसपी हटेगा. मोदी सरकार तो केवल यह कहती है कि किसानों को और अतिरिक्त और सुविधा मुहैया कराया जाएगा. किसान अपनी उत्पादों को जहां उचित दाम मिलेगा, वहीं बेच पाएंगे. चाहे बाजार समिति हो या कही भी. झारखंड में देखें, तो यहां भी किसानों से धान खऱीदने की पहल नहीं की जा रही है. साफ है कि कांग्रेस और पूरा विपक्ष किसानों के नाम पर केवल राजनीति कर रहा है.

कृषि कानूनों पर सदन में चर्चा सही नहीं

बाबूलाल ने कहा कि तीनों कृषि बिल अब संसद से पारित होकर कानून बन चुका है. उसके बाद उसपर विधानसभा में फिर से चर्चा कराना कतई सही नहीं है. ऐसा कर विधानसभा अध्यक्ष एक गलत परम्परा की नींव डाल रहे हैं. दरअसल जानबूझ इस चर्चा करने से साफ है कि कांग्रेस ने अब मान लिया है कि उनकी पार्टी अब सत्ता में नहीं आने वाली. यहीं कारण है कि कांग्रेस अब अनर्गल कामों में लगी है. इसमें किसान आंदोलन और शाहीन बाग जैसे आंदोलन को समर्थन करना शामिल हैं. इसे भी पढ़ें- ड्राई">https://lagatar.in/10-lakh-people-still-addicted-to-dry-state-bihar-facts-come-in-national-survey/40312/">ड्राई

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बाबूलाल ने कांग्रेस पर साधा निशाना

उन्होंने कहा कि कृषि कानून के एक हिस्से को लेकर संसद के स्टेंडिंग कमिटी ने मुहर लगा दी है. सभी जानते है कि इस कमिटी के चेयरमैन त्रृणमूल कांग्रेस है. ऐसे में विपक्ष सदन में कुछ और बोलता है और बाहर कुछ और. पिछले दिनों भी देखा गया है कि कांग्रेस के शीर्ष नेता राहुल गांधी भी कहते फिर रहे हैं कि केंद्र को कृषि कानून को वापस लेना होगा. ऐसा करके कांग्रेस और उनके नेता लोकतंत्र में गलत परिपाटी की डालने की कोशिश कर रहे है.  

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