मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द, नये चेहरों को मिल सकता हैं मौका
संशोधित करने के पीछे की वजह सीएनटी और एसपीटी एक्ट
जमीन की छूट देने का यह फैसला सीएनटी और एसपीटी एक्ट को देखते हुए किया जा रहा है. दरअसल वर्तमान समय में झारखंड में उपरोक्त दो कानून प्रमुखता से लागू है. इसके कारण राज्य के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में क्रमशः 1 एकड़ और 75 डिसमिल क्षेत्रफल की जमीन मिलने में कठिनाई होती है. शिक्षा विभाग को कई क्षेत्रों में ऐसी समस्या की जानकारी भी मिली है. जिसे देखते हुए नियम में संशोधन का फैसला हुआ है.निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (संशोधित) 2019 में संशोधन करेगी सरकार
स्कूली शिक्षा और सारक्षता विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, राज्य सरकार इसके लिए झारखंड निःशुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम (संशोधित) 2019 में आवश्यक संशोधन करेगी. संशोधन प्रक्रिया अभी प्रक्रियाधीन है. संशोधन के तहत सरकार स्कूलों को मान्यता के लिए भूमि की शर्त से छूट देने पर विचार कर सकती है. अधिनियम के तहत CBSC और JAC बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूलों को भी 1 से 8 तक के लिए मान्यता लेने का प्रावधान है. उनके लिए भी भूमि की शर्त अनिवार्य है. ऐसे स्कूलों के लिए मान्यता लेना संभव नहीं हो पा रहा है. बता दें कि अभी देश के कई राज्यों में स्कूलों की मान्यता के लिए जमीन सीमा की शर्त नहीं है. ऐसे में झारखंड में भी बदलाव होने जा रहा है, ताकि स्कूलों को मान्यता लेने में सुविधा हो. इसे भी पढ़ें –स्मार्ट">https://lagatar.in/949-trees-were-cut-for-smart-city-project-157-had-to-be-re-planted-but-so-far-only-117/">स्मार्टसिटी प्रोजेक्ट के लिए काटे गये 949 पेड़, 157 को करना था री-प्लांट, लेकिन अबतक हुए सिर्फ 117 [wpse_comments_template]