alt="" width="600" height="400" /> न्यूट्रिशनिस्ट ने बताया, अन्यए मिठास के विकल्पों के मुकाबले गुड़ सेहत के लिए बेहद ही फायदेमंद है. यह हमें सर्दी में होने वाली बीमारियों से बचाता है. ब्लड सर्कुलेशन को भी सही बनाए रखने में मदद करता है. सर्दियों में गुड़ खाने से पाचन क्रिया सही रहती है. न्यूट्रिशनिस्ट रिद्धि खन्ना कहती हैं .पाचन को बेहतर करने के साथ यह पेट से जुड़ी सभी तरह की समस्याओं का बेहतर तरीके से समाधान करता है. गुड़ में मौजूद पोटैशियम, एंटीऑक्सीडेंट्स, फॉस्फोतरस, जिंक, आयरन रोगों से बचाने की क्षमता को बढ़ाने का काम करते है.महिलाओं के लिए इसे खासतौर पर लाभदायक बताया जाता है. खन्ना कहती हैं, यह इतना फायदेमंद है कि महिलाओं को एनीमिया से बचाता है. इसके साथ ही यह मौसमी बीमारियों से भी आपकी रक्षा करता है.
alt="" width="600" height="400" />यह दिन भर में होनी वाली थकान को मिटाने का भी काम करता है. हमे गुड़ के लड्डू, चिक्की और तिल के लड्डू बनाकर अपनी डाइट में शामिल करना चाहिये .डायबिटीज के मरीज गुड़ का सेवन कर सकते है या नहीं इस पर न्यूट्रिशनिस्ट रिद्धि खन्ना ने कहा, इस सवाल का जवाब यह है. कि अगर किसी व्यक्ति को डायबिटीज है, तो उस व्यक्ति को चीनी. गुड़ शक्कर और न ही शहद को अपनी डाइट में शामिल करना चहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि डायबिटीज में समस्या चीनी में नहीं, बल्कि ग्लूकोज के स्तर में होती है.`` आगे कहा, आजकल हम जो ज्यादातर खाद्य पदार्थ खाते हैं, उनमें ग्लूकोज होता है, लेकिन कुछ खाद्य पदार्थ ऐसे होते हैं. जिनमें बहुत साधारण कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं, जिनका ग्लाइसेमिक इंडेक्स अधिक होता है. तो सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप यह जांचें कि आप क्या खा सकते हैं. और क्या नहीं इसके लिए आपको उस खाद्य पदार्थ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स देखना चाहिए . उन्होंेने कहा, ग्लाइसेमिक इंडेक्स यह बताता है कि किसी खाद्य पदार्थ से शरीर में ग्लूकोज का स्तर कितनी तेजी से बढ़ेगा उदाहरण के लिए, गुड़ का ग्लाइसेमिक इंडेक्स