Search

लातेहार: बिजली तार को नुकसान पहुंचाने वाले को कारावास

Latehar: अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शशि भूषण शर्मा की अदालत ने बिजली की तार को नुकसान पहुंचाने वाले अपराधी गुप्तेश्वर यादव को अधिकतम 18 महीनों का कठोर कारावास एवं 10 हजार रुपए जुर्माना की सजा सुनायी है. जानकारी के अनुसार कनीय अभियंता अंकित कुमार ने मनिका थाना कांड संख्या 105/ 2021 दिनांक 22 अक्टूबर 2021 को मनिका थाना में मुकदमा दर्ज कराया था. दर्ज मुकदमा में बताया गया था कि आरोपी गुप्तेश्वर यादव गत 22 अक्टूबर 2021 को 11 हजार वोल्ट की बिजली तार के पास स्थित सेमल का पेड़ काट रहा था. पेड़ की टहनी तार पर गिर जाने से 11 हजार लाइन क्षतिग्रस्त हो गया था. मामले की जानकारी मिलने के बाद बिजली विभाग की ओर से प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. अदालत ने मामले पर संज्ञान लेते हुए आरोपी के विरुद्ध दिनांक 12 जनवरी 2024 को भादवि की धारा 427 और 3 डैमेज आफ पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट के तहत आरोप गठन किया था. अभियोजन पदाधिकारी रविंद्र नाथ चौरसिया के द्वारा अदालत में कुल छह गवाहों को पेश किया गया. गवाही के उपरांत शर्मा की अदालत ने गुप्तेश्वर यादव को दोषी ठहराय. शर्मा की अदालत ने भादवि की धारा 427 के तहत एक वर्ष का कठोर कारावास एवं ₹5000 जुर्माना एवं जुर्माना नहीं भरने की स्थिति में दो माह का अतिरिक्त कारावास एवं तीन डैमेज आफ पब्लिक प्रॉपर्टी एक्ट के तहत 18 महीनों की कठोर कारावास एवं ₹10 हजार जुर्माना लगाया है. जुर्माना नहीं देने की स्थिति में चार माह का अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाया है. अदालत ने सभी सजाए साथ-साथ चलने का आदेश जारी किया है. मालूम हो इस मामले का स्पीडी ट्रायल कर अदालत ने महज नौ महीनों के अंतराल में मामले को निष्पादित किया है. इस मामले में सजा सुनाए जाने के बाद सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों में दहशत फैला है. इसे भी पढ़ें - ईशा">https://lagatar.in/isha-foundation-case-supreme-court-stays-madras-high-courts-investigation-order-transfers-the-case-to-itself/">ईशा

फाउंडेशन केस : मद्रास हाई कोर्ट के जांच आदेश पर सुप्रीम कोर्ट की रोक, मामला अपने पास ट्रांसफर किया
[wpse_comments_template]  
Follow us on WhatsApp