Jamshedpur (Anand Mishra) : जमशेदपुर के साकची स्थित करीम सिटी कॉलेज के बांग्ला विभाग में कविगुरु रविन्द्रनाथ टैगोर की जयंती मनायी गयी. इमें कॉलेज के प्राचार्य डॉ मोहम्मद रेयाज की विशेष उपस्थिति रही. कार्यक्रम में बांग्ला भाषी छात्र-छात्राओं के अतिरिक्त दूसरी भाषाओं के विद्यार्थियों ने भी हिस्सा लिया और अपने देश के राष्ट्रगान रचयिता रविन्द्रनाथ टैगोर को याद किया. सभा के समक्ष बंग्ला के प्राध्यापक ओमप्रकाश सिंहदेव ने अतिथि शिक्षकों तथा विद्यार्थियों का स्वागत किया और टैगोर का परिचय प्रस्तुत किया. उन्होंने बताया कि रविन्द्रनाथ टैगोर हमारे देश के एक महान कवि, संगीतकार, नाटककार तथा निबंधकार समेत साहित्य के कई विधाओं में निपुण थे. उनका जन्म 7 मई 1861 को तथा निधन 7 अगस्त 1941 को हुआ थी.
इसे भी पढ़ें : रांची: JPSC की वैकेंसी का इंतजार कर रहे उम्मीदवारों के लिये खुशखबरी, जल्द जारी होगा वैकेंसी से जुड़ा नोटिफिकेशन
बांग्ला विभागाध्यक्ष डॉ बीएन त्रिपाठी ने रविन्द्रनाथ टैगोर के बारे में बताते हुए कहा कि वे हमारे देश के ऐसे महान व्यक्ति थे जिनकी प्रसिद्धि विश्व स्तर पर स्वीकार की गई. उनकी रचनाओं की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि उन्होंने मनुष्य के मन में जगने वाली भावनाओं को साहित्य का रूप दिया. यही कारण है कि उनकी रचनाओं में जीवन का प्रत्येक रस विराजमान है. सभा को संबोधित करते हुए प्राचार्य डॉ मोहम्मद रेयाज ने बताया कि रविन्द्रनाथ टैगोर को उनकी प्रसिद्ध काव्य रचना “गीतांजलि” के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया. उनकी यह पुस्तक दुनिया की कई भाषाओं में अनुवाद की गई. यहां तक कि अरबी तथा उर्दू में भी. उनकी महानता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि उनकी रचना को भारत का राष्ट्रगान बनाया गया. वे एक साहित्यकार के साथ-साथ एक महान सूची भी माने जाते हैं।
इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर : बार भवन में रवींद्र संगीत गाकर अधिवक्ताओं ने कविगुरू टैगोर का मनाया जन्मोत्सव
कार्यक्रम में छात्र-छात्राओं ने भी हिस्सा लिया। जया दत्ता ने टैगोर की रचना “फगुन हवाई हवाई”, विद्युत तिवारी ने “अमार बेला ले जाए” तथा प्रिया तिवारी ने “एकला चलो रे” की सुंदर प्रस्तुति करके कार्यक्रम को आनंदमई बनाया. इस सभा में मनोविज्ञान के प्राध्यापक डॉ फिरोज इब्राहिमी तथा उर्दू के प्राध्यापक मोहम्मद ईसा विशेष रुप से सम्मिलित हुए। अंत में ओमप्रकाश सिंह देव ने धन्यवाद ज्ञापन किया.
Leave a Reply