संसाधनों की मात्रा सीमित : राज्यपाल
मेडिकल एस्ट्रोलॉजी पर हुई चर्चा
आज के प्रथम सत्र मेडिकल एस्ट्रोलॉजी में देश-विदेश से आए ज्योतिर्विदों ने अपना ज्ञान साझा करते हुए महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा बताया कि किस प्रकार से कुंडलियों एवं हस्तरेखा के विश्लेषण से रोगों पर प्रकाश डालकर उसका सफल निदान किया जा सकता है. इस सत्र में बांग्लादेश से एस्ट्रोलॉजर यासर अराफात ने विभिन्न रासायनिक तत्वों का हाथ के संबंधों से उत्पन्न होने वाली बीमारियों पर प्रकाश डाला. इसे भी पढ़ें : कोल्हान">https://lagatar.in/kolhan-university-demand-to-blacklist-outsourced-agency-fear-of-misappropriation-of-pf-money/">कोल्हानयूनिवर्सिटी : आउटसोर्स एजेंसी को ब्लैक लिस्ट करने की मांग, पीएफ के पैसों में हेराफेरी की आशंका
शुभ व अशुभ ग्रहों के दृष्टि संबंध से बीमारी का पता चलता है
संस्थान के प्रो अभिजीत चक्रवर्ती ने कुंडली में बीमारी की पहचान करने के तरीके पर विशेष प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि कुंडली का जो रोग भाव होता है उस पर शुभ व अशुभ ग्रहों की दृष्टि संबंध पर विशेष ध्यान देने से हमें बीमारियों का पता चलता है. प्रो एसके शास्त्री ने मेडिकल एस्ट्रालोजी ट्रांसक्रिप्शन पर विशेष प्रकाश डाला. उन्होंने बताया कि रोगी की सटीक चिकित्सा के लिए यह टेक्नोलॉजी किस प्रकार से काम करती है, जिसके तहत डॉक्टर और मरीज की कुंडली का मिलान कर मरीज को चिकित्सा का लाभ दिया जाता है. इसके साथ ही उन्होंने हाथ देखने के मौलिक एवं वैज्ञानिक नियमों का विश्लेषण किया. इसे भी पढ़ें : किरीबुरु">https://lagatar.in/kiriburu-if-the-appointment-process-is-not-started-production-and-transportation-from-all-four-mines-of-sail-will-stop-koda/">किरीबुरु: नियुक्ति प्रक्रिया शुरू नहीं हुई तो सेल की चारों खदानों से उत्पादन व ढुलाई ठप करेंगे : कोड़ा
हाथों से बीमारियों की पहचान
रामगढ़ से आए प्रो यशवंत कुमार सिंह ने हाथों से बीमारियों की पहचान पर विशेष प्रकाश डाला. साथ ही उन्होंने बताया कि यदि हाथ में मंगल खराब हो तो इससे कई बीमारियों का निर्धारण होता है. डॉ राजेश भारती ने भी इस विषय पर विशेष प्रकाश डालते हुए कुंडली के बाधित भावों से बीमारियों के सूत्र के बारे में बताया. सत्र की अध्यक्षता कर रहे डॉ एन कुमार ने मेडिकल एस्ट्रोलॉजी की व्यापकता की चर्चा करते हुए इसकी असीम संभावनाओं पर विशेष प्रकाश डाला. इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर">https://lagatar.in/jamshedpur-minority-and-aided-primary-school-teachers-association-honored-the-central-committee-members/">जमशेदपुर: अल्पसंख्यक एवं सहायता प्राप्त प्राथमिक विद्यालय शिक्षक संघ ने किया केंद्रीय कमेटी सदस्यों को सम्मानित
ज्योतिषी बहुत बड़े समाज सुधारक
दूसरे सत्र में प्रेडिक्टिव एस्ट्रालोजी पर देश-विदेश से आए विद्वानों, ज्योतिष अभिलाषा, महात्मा पांडे, भास्कर, कौशल किशोर जोशी, ज्योतिष धनराज, एवं अन्य ने अपने शोध एवं ज्ञान साझा किए. सत्र की अध्यक्षता करते हुए डॉ सुरेश कुमार झा ने सभी वक्ताओं द्वारा साझा किए गए वक्तव्यों का विश्लेषण करते हुए बताया कि ज्योतिषी बहुत बड़े समाज सुधारक हैं.अतः इस विषय का गहनता से अध्ययन कर, विशेषकर ज्योतिष की कई शाखाओं में से किसी भी विशेष एकाधिक शाखाओं में अति विशिष्टता हासिल कर पाएं तो वे समाज का और भी अधिक भला कर सकते हैं. साथ ही उन्हें उनकी विशिष्टताओं से जुड़े व्यवसायिक संस्थाओं में विशिष्ट पहचान के साथ ही स्थायी रोजगार की भी संभावना मिल सकती है. उन्होंने मेडिकल की तरह ही जोतिषियों को भी विशिष्ट ज्योतिषियों को रेफर किये जाने का प्रचलन बढ़ाने पर बल दिया. इसे भी पढ़ें : रांची">https://lagatar.in/ranchi-youth-tried-to-commit-suicide-outside-cm-residence-crpf-personnel-deployed-in-large-numbers/">रांची: CM आवास के बाहर युवक ने की आत्मदाह की कोशिश,भारी संख्या में CRPF जवान तैनात