Ashok Kumar
Jamshedpur : कदमा थाना क्षेत्र के तिस्ता रोड के क्वार्टर नंबर 97-99 में हुई चार लोगों की हत्या में वीणा देवी का भाई आनंद कुमार साहू ने गुरुवार को एडीजे चार राजेंद्र कुमार सिन्हा की अदालत में गवाही दी. गवाही में उसने बताया कि घटना के दिन वह मौके पर मौजूद नहीं था लेकिन मुझे अनुमान है कि चार लोगों की हत्या की घटना को दीपक कुमार ने ही अंजाम दिया है.
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नवंबर 2004 में हुई थी बहन की शादी
आनंद साहू ने बताया कि उसकी बहन वीणा कुमारी की शादी दीपक कुमार से नवंबर 2004 में हुई थी. उसकी दो बेटियां हैं. सभी लोग क्वार्टर नंबर 97/99 में रहते थे. कोर्ट में वीसी के दौरान आनंद ने आरोपी दीपक की पहचान की. बताया कि 12 अप्रैल 2021 को वह करीब ढाई से तीन बजे ऑफिस से अपने घर लंच के लिये जा रहा था. इस बीच ही पत्नी जयश्री साहु ने फोन कर बताया कि रौशन का फोन आया था. दीपक कुमार ने रौशन और उसके परिवार को आज लंच पर घर पर बुलाया था. रौशन के घर पर पहुंचते ही दीपक ने उसपर हथौड़े से हमला कर दिया. घटना में अंकित और रौशन घायल हो गये थे. इसके बाद दोनों को इलाज के लिये टीएमएच में भर्ती कराया गया है. टीएमएच पहुंचने पर देखा कि दोनों की हालत काफी गंभीर है.
पत्नी आराध्या, साला अंकित और बेटी के साथ पहुंचा था रौशन
दीपक के घर पर रौशन लंच के लिये अपनी पत्नी आराध्या, साला अंकित और तीन साल की बेटी के साथ पहुंचा था. इस बीच बेटी ने शौच कर दिया था. उसे लेकर वह पत्नी के साथ बाथरूम में गया था. इस बीच ही रौशन ने अंकित के चिल्लाने की आवाज सुनी. इसके बाद जब कमरे में दौड़कर गया तब देखा कि दीपक ने रौशन पर हथौड़े से हमला कर दिया है. बीच बचाव में गया तो रौशन पर भी हमला कर दिया. किसी तरह से रौशन परिवार के साथ दीपक के घर से बाहर निकला. पड़ोस के लोगों की मदद में टीएमएच में भर्ती हुआ. इसके बाद बड़े भाई विनोद कुमार को घटना की जानकारी दी. तब वह भी पहुंच गया.
सुबह 10 बजे गहना लेने घर पर आया था दीपक
आनंद साहू ने बताया कि अस्पताल में विनोद कुमार ने बताया कि दीपक 12 अप्रैल की सुबह के 10 बजे गहना लेने के लिये घर पर आया हुआ था. कहा कि पत्नी और दोनों बच्चों को रांची में अपनी बहन के घर पर पहुंचा दिया है. जेवर को लॉकर में जाकर रखना है. इसके बाद आनंद साहु ने तिस्ता रोड जाने का विचार किया. इस बीच रौशन ने कहा कि उसकी मोबाइल दीपक के घर के पास हाथापाई में गिर गयी है. मिले तो रख लेने के लिये कहा.
गेट पर लगा था ताला, लेकिन दरवाजा खुला था
आनंद साहू ने कोर्ट को बताया कि जब वह तिस्ता रोड क्वार्टर पर पहुंचा था गेट पर ताला लगा हुआ था, लेकिन भीतर का दरवाजा खुला हुआ था. बच्चों का नाम लेकर आवाज दिया, लेकिन किसी तरह का जवाब नहीं मिला. घर के भीतर प्रवेश करने पर देखा कि 97 नंबर क्वार्टर के सोफा में खून लगा हुआ है. भीतर का सामान बिखरा हुआ था. कीचन में भी खून का धब्बा देखा गया. बड़े भाई 99 नंबर दरवाजे का ताला खोलने का प्रयास करने लगे और अचानक से चिल्लाने लगे. पास जाने पर देखा कि मेरी बहन और दोनों बेटियां पलंग पर मृत पड़ी हुई है. नाक और मुंह से खून निकल रहा था जो जम गयी थी. इस बीच ट्यूशन टीचर रिंकी के परिवार के लोग रिंकी घोष को खोजने लगे. इस बीच 97 नंबर क्वार्टर से चिल्लाने की आवाज आयी. वहां पर रिंकी का शव बॉक्स वाले पलंग में अद्धनग्न अवस्था में पड़ा था. उसके हाथ को मोड़कर मुंह और गर्दन के साथ सेलोटेप से लपेटा हुआ देखा गया. इसके बाद कदमा पुलिस को फोन कर घटना की जानकारी दी. पुलिस 10 मिनट में पहुंच गयी थी.
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