Jamshedpur: जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने शुक्रवार को अपने कार्यकाल के दो वर्षों में अपने क्षेत्र में विधायक निधि, नगर विकास विभाग की निधि एवं जुस्को की निधि से क्रियान्वित योजनाओं का ब्यौरा रखा. वे अपने आवासीय कार्यालय में मीडियाकर्मियों से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि विगत दो वर्ष कोरोना के कारण कठिनाई भरे रहे. फिर भी क्षेत्र के विकास, काम की गुणवत्ता और रफ्तार सुनिश्चित कराने में कोई कोताही नहीं बरती गई.
26.89 करोड़ की 224 योजनाओं पर काम हुआ
उन्होंने दोहराया कि कार्यकर्ता और अभिकर्ता, वर्कर और कॉन्ट्रैक्टर की सीमा मर्यादा का अंतर समझें. यह विकास और उसमें हमारे योगदान का मूल मंत्र है. उन्होंने कहा कि इन दो वर्षों में नगर विकास विभाग की निधि से जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र में 132 योजनाओं पर 21 करोड़ 46 लाख 16 हजार 944 रुपये खर्च किए गए. जिसमें सड़क निर्माण एवं मरम्मत से जुड़ी 54 योजनाओं पर 8.28 करोड़, नाली निर्माण की 44 योजनाओं पर 5.65 करोड़ तथा नागरिक सुविधा से जुड़ी 34 योजनाओं पर 7.52 करोड़ खर्च हुआ. इसी तरह विधायक निधि से इन दो वर्षों में सड़क निर्माण एवं सुदृढ़ीकरण की 26 योजनाओं पर 81.50 लाख, नाली निर्माण की 35 योजनाओं पर 1.46 करोड़ तथा नागरिक सुविधा से जुड़ी 31 योजनाओं पर 3.08 करोड़ रुपये खर्च किए गए. विधायक निधि की कुल 92 योजनाओं पर 5.43 करोड़ रुपया खर्च किया गया. दो वर्षों में क्षेत्र में 224 योजनाओं पर 26 करोड़ 89 लाख 28 हजार 332 रुपये खर्च किए गए.
सात समस्याएं विरासत में मिली हैं, समाधान का प्रयास जारी
सरयू राय ने बताया कि जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र में प्रमुख सात समस्याएं सीधे जनता से जुड़ी हैं. उक्त सभी समस्याएं उन्हें विरासत में मिली हैं, जिनके समाधान का प्रयास जारी है. वे सातों समस्याएं उनके लिए सात निश्चय के समान हैं. जिसके समाधान के लिए वे विगत कई वर्षों से उचित फोरम में आवाज उठा रहे हैं.
जो जहां बसा है उसे उस जमीन का मालिकाना हक मिले
उन्होंने बताया कि इसके बारे में इन दो वर्षों में मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, राजस्व सचिव के साथ बैठकें कीं. पिछली सरकार में निर्णय हो गया कि उन बस्तियों में रहने वालों को अधिकतम 10 डिसमिल जमीन लीज पर दी जा सकती है, जो जमशेदपुर के लिये अव्यावहारिक है. सरयू राय ने कहा कि जो परिवार जिस भूखंड पर काबिज है उसे सरकार उचित शुल्क लेकर उसके नाम बंदोबस्त करे. इसके लिये वर्तमान कानून में बदलाव करना पड़े तो करे.
असंवैधानिक रूप से चल रही जेएनएसी
सरयू राय ने कहा कि जमशेदपुर देश का एकमात्र शहर है जहां म्युनिसिपैलिटी के नाम पर असंवैधानिक जमशेदपुर अक्षेस चल रही है. जमशेदपुर नगर निगम बने या औद्योगिक नगर इस समस्या के समाधान की प्रक्रिया शिथिल है. झारखंड बनने के बाद वर्ष 2005 में राज्य सरकार ने इसे नगर निगम बनाने के लिए अधिनियम बनाया, पर यह लागू नहीं हुआ. टाटा स्टील ने इसे उच्च न्यायालय में चुनौती दिया. कंपनी मुकदमा हार गई और सर्वोच्च न्यायालय में अपील में गई. लंबे समय बाद पिछली सरकार के दौरान कंपनी ने वहां से मुकदमा वापस लिया. फिर भी मामला अब भी खटाई में है. आज शहर दोहरे प्रशासन का शिकार है. ऐसा लगता है कि झारखंड के साढ़े 23 जिलों में झारखंड सरकार काम कर रही है और आधे जिला में दोहरा शासन चल रहा है. जहां पूरी तरह राज्य सरकार का नियंत्रण नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार उनके सवालों से भाग रही है.
मोहरदा पेयजल आपूर्ति योजना राजनीतिक हस्तक्षेप का नमूना
सरयू राय ने कहा कि 2005 में विश्व बैंक की सहायता से शुरू हुई यह योजना विकास कार्यों में राजनीतिक हस्तक्षेप का नमूना है. व्यक्तिगत अहंकार और निजी स्वार्थ के कारण जनहित का बंटाधार हुआ. शुरुआत में जुस्को इसे बनाना चाह रही थी, लेकिन उसे अनुमति नहीं मिली. 2006 में नई परियोजना पर काम शुरू किया गया जो 2009 में मोहरदा पेयजल परियोजना के नाम से पूरा हुई. 2017 में समझौता कर इसे चलाने के लिये जुस्को को दे दिया गया. जुस्को तबसे इसे चला रहा है पर उपभोक्ताओं के समय पर पर्याप्त और शुद्ध जल नहीं मिल रहा है.
केबुल कंपनी की जमीन सरकार अपने कब्जे में ले
विधायक सरयू राय ने बताया कि इंकैब यानी केबुल कंपनी का मामला एनसीएलटी में है. कंपनी के प्लांट मशीनरी का सारा माल असबाब चोरी चला गया है. इंकैब प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन की आंख के सामने यह हुआ है और हो रहा है. उन्होंने स्वयं दो एफआईआर गोलमुरी थाना में दर्ज किया है. लेकिन पुलिस ने एक को सनहा में बदल दिया, दूसरे पर भी कारवाई नहीं हुई. सरकार और पुलिस प्रशासन कंपनी क़ानून का हवाला दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि कंपनी की 177 एकड़ जमीन सरकार अपने कब्जा में लेकर इसका उपयोग औद्योगिक एवं विनिर्माण गतिविधियों के लिये करे.
लीज शर्तों के अनुसार सुविधाएं नहीं मुहैया करा रही टाटा स्टील
विधायक ने टाटा स्टील पर हमला बोलते हुए कहा कि लीज शर्तों के अनुसार नागरिकों को सुविधाएं मुहैया नहीं कराई जा रही है. जमशेदपुर का बड़ा इलाका इन सुविधाओं से वंचित है. उनके अपने विस क्षेत्र के छायानगर से लेकर बाबूडीह-लाल भट्टा तक भुइयांडीह तथा लीज क्षेत्र की बस्तियों का एक बड़ा इलाका पेयजल, बिजली, जल निकासी की सुविधा से वंचित है. ब्राह्मण टोला में तो नारकीय स्थिति हो गई है. गत दो वर्ष में जुस्को इसे पूरा करने के लिए बार बार नई समय सीमा देकर मुकर जा रहा है. लीज समझौता के तहत उन्हें देना है और देना होगा.
प्रभावशाली तबके को गैरकानूनी मानसिकता छोड़नी होगी
विधायक ने कहा कि यह शहर एक उद्योग चलाने के लिये बसा था. अब शहर का व्यापक विस्तार हो गया है. शहर के विकास के लिये समाज के प्रभावशाली तबका को गैरकानूनी मानसिकता से और शासन-प्रशासन को एक कदम आगे दो कदम पीछे की असमंजस वाली कार्यशैली से उपर उठना होगा. शहर सुधार के काम को समाज सुधार की तर्ज पर आगे बढ़ाना होगा. इंदौर, नागपुर सहित देश के कई बड़े शहर उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं. जमशेदपुर के चारों ओर शहर का तेज विस्तार हो रहा है . ऐसी स्थिति में संविधान के अनुच्छेद 74 के अनुरूप विकास एवं जन सुविधा प्रदान करने की व्यापक योजना बनानी होगी.
अब चुप नहीं बैठेंगे, सरकार पर बनाएंगे दबाव
विधायक सरयू राय ने एक सवाल के जवाब में कहा कि विगत दो वर्षों में उन्होंने विधानसभा में जमशेदपुर की विभिन्न समस्याओं से जुड़े 32 सवाल उठाए. जिसमें कई में सरकार ने कार्रवाई का आदेश दिया है, कई मामलों में जांच चल रही है, वहीं कई मामले ठंडे बस्ते में हैं. उन मामलों पर कार्रवाई करवाने के लिए वे निरंतर सरकार पर दबाव बनाए हुए हैं. अब चुप नहीं बैठेंगे. गलत करने वाले अपनी करनी का फल खुद भोगेंगे.
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