Ranchi : जमशेदपुर-जुगसलाई पुलिस द्वारा सेना के हवलदार सूरज राय को गिरफ्तार कर जेल भेजने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. अब इस मामले में डीजीपी अनुराग गुप्ता ने एक्शन लिया है और दोषी पुलिस पदाधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करने का आदेश दिया है.
डीजीपी ने मामले को गंभीरता से लिया
झारखंड पुलिस मुख्यालय ने बुधवार को कहा कि देश का फौजी जेल जाये, यह बहुत दुख का विषय है. यह नहीं होना चाहिए था. यदि कोई फौजी कानून तोड़ता है तो अच्छा होगा कि उसे नजदीक के आर्मी यूनिट को सौंप दिया जाये, ताकि आर्मी के अधिकारी उस पर अपने बने नियमों के अनुसार कार्रवाई कर सकें.
डीजीपी ने इस घटना की गंभीरता को अपने संज्ञान में लेते हुए मामले की जांच कोल्हान डीआईजी को करने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
पुलिस अधिकारी से विवाद के बाद सेना के जवान को किया गया था गिरफ्तार
गौरतलब है कि बीते 14 मार्च की देर शाम पुलिस अधिकारी के साथ विवाद होने पर भारतीय सेना के जवान सूरज राय व उसके चचेरे भाई विजय राय को जुगसलाई थाना की पुलिस ने गिरफ्तार किया था. 15 मार्च को पुलिस ने दोनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया.
पूर्व सैनिक संघ ने पुलिस की कार्रवाई पर उठाये सवाल
इस मामले में अखिल भारतीय पूर्व सैनिक सेवा परिषद ने विरोध जताते हुए जुगसलाई थाना और उपायुक्त कार्यालय में प्रदर्शन किया था. संघ ने कहा कि 14 मार्च को जुगसलाई थाना के ड्राइवर छोटू बिल्ला और हवलदार सूरज राय के बीच विवाद हुआ था.
इसके बाद थाना प्रभारी ने फौजी को बुलाकर शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया और बिना उचित कानूनी प्रक्रिया के हथकड़ी लगाकर जेल भेज दिया.
पूर्व सैनिकों ने इस कार्रवाई को गलत बताते हुए कहा कि सेना के जवान को गिरफ्तार करने से पहले उसकी यूनिट (जम्मू) या स्थानीय सेना इकाई को सूचित करना होता है, लेकिन पुलिस ने नियम का उल्लघंन किया है.
पूर्व सैनिकों ने की थी ये मांग
पूर्व सैनिकों ने मांग की थी कि सूरज राय को बिना शर्त तत्काल रिहा किया जाये और मामले की न्यायिक जांच करायी जाये. इसके अलावा सेना के जवान पर लगे झूठे आरोप को हटाने और दोषी पुलिसकर्मियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की भी मांग की गयी थी.
पूर्व सैनिकों ने भविष्य में सैन्य कर्मियों से जुड़े मामलों में उचित प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करने की मांग की थी.