Search

जमशेदपुर यातायात व्यवस्था 8 : जिनके कंधे पर जिम्मेदारी उन्हीं का पद खाली, कैसे सुधरेगी ट्रैफिक व्यवस्था

Dharmendra Kumar Jamshedpur : दुनिया जहां तकनीकी विकास से चांद पर पहुंच चुकी है, देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को डिजिटल बनाने के लिए प्रयासरत हैं. वहीं जमशेदपुर की ट्रैफिक पुलिस अपनी पारंपरिक अंदाज से ही यातायात व्यवस्था को नियंत्रित करने में जुटी हुई है. चेकिंग के दौरान जिस प्रकार से ट्रैफिक पुलिस जवान उछल-कूद मचाते हैं, ऐसा प्रतीत होता है जैसे वे किसी बड़े गुनाहगार को पकड़ने की कोशिश कर रहे हैं. जिले में जिनके कंधे में यातायात की जिम्मेदारी होनी चाहिए वह पद ही खाली है. ट्रैफिक डीएसपी एवं डिस्ट्रिक रोड सेफ्टी मैनेजर का पद खाली है. इसे भी पढ़ें : भविष्य">https://lagatar.in/in-future-there-will-be-a-rift-between-congress-and-jmm-over-muslim-tribal-votes/">भविष्य

में कांग्रेस और जेएमएम के बीच अनबन मुस्लिम – आदिवासी वोटों को लेकर होगी!

जिले में नहीं हैं डिस्ट्रिक रोड सेफ्टी मैनेजर

[caption id="attachment_251875" align="aligncenter" width="350"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2022/02/JSR-MANGO-JAM-1-350x250.jpg"

alt="" width="350" height="250" /> मानगो में लगा जाम.[/caption] सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सड़क दुर्घटनाओं पर निगरानी हेतु जिला सड़क सुरक्षा प्रबंधक (डीआरएसएम) की नियुक्ति की जानी है. पूर्वी सिंहभूम में इस पद से फरवरी 2021 में जिला सड़क सुरक्षा प्रबंधक आफताब आलम सेवानिवृत्त हो गये. इसके बाद यह पद पिछले एक वर्ष से खाली है. डिस्ट्रिक रोड सेफ्टी मैनेजर जैसे महत्वपूर्ण पद का खाली होना अपने आप में बड़ा सवाल है. शहर में सड़क सुरक्षा जागरुकता अभियान आयोजित करने, विभागों से समन्वय स्थापित कर सड़क दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने, जिले में दुर्घटनाओं की दृष्टिकोण से संवेदनशील स्थलों की पहचान कर वहां साइनेज लगवाने की जिम्मेवारी भी डीआरएसएम की होती है. जिले में होने वाली हिट एंड रन की घटनाओं में प्रभावित लोगों को मुआवजा दिलाने की जिम्मेवारी भी उन्हीं की है. सड़क सुरक्षा से संबंधित रिपोर्ट डीआरएसएम सीधे विभाग को भेजते हैं. इसकी निगरानी सुप्रीम कोर्ट द्वारा की जाती है. इतने महत्वपूर्ण पद का एक साल से रिक्त होना ट्रैफिक व्यवस्था के प्रति सरकार की असंवेदनशीलता को दर्शाता है. इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर:">https://lagatar.in/jahha-jamshedpur-serial-crime-is-happening-in-the-city-in-a-span-of-2-to-3-days-4-incidents-in-10-days/">जमशेदपुर:

शहर में 2 से 3 दिन के अंतराल में हो रही है सीरियल क्राइम की घटना, 10 दिनों में 4 घटनाएं

शहर में 121 सीसीटीवी कैमरा लगाये गये

जमशेदपुर में अपराध को नियंत्रित करने के उद्देश्य से शहर की सड़कों पर 121 सीसीटीवी कैमरा लगाये गये, जिसकी निगरानी के लिये आधुनिक तकनीक से युक्त सेंट्रल कंट्रोल रूम बनाया गया. जहां लगे बड़े-बड़े टीवी स्क्रीन के माध्यम से 24 घंटे निगरानी की जाती है. 2019 में प्रयोग के तौर पर सीसीटीवी कैमरा से निगरानी कर बिना हेलमेट पहने कुछ लोगों को चालान किया गया था. लेकिन वह प्रायोगिक स्तर पर ही सीमित रहा. आज जब सरकारी कार्य डिजिटल मोड में हो रहे है. ऐसे में जमशेदपुर में आज भी ट्रैफिक पुलिस द्वारा अपने पारंपरिक तरीके से ही चेकिंग अभियान चलाया जाता है. इस दौरान जिस प्रकार बेरिकेडिंग लगाकर घेराबंदी की जाती है जैसे किसी बड़े अपराधी को पकड़ने की कवायद में ट्रैफिक पुलिस लगी हो. बेरिकेडिंग की वजह से सड़क जाम की स्थिति भी उत्पन्न हो जाती है. [wpse_comments_template]
Follow us on WhatsApp