Jamtara : ठंड बढ़ते ही सदर अस्पताल में भर्ती मरीजों की भी परेशानी बढ़ती जा रही है. परेशानी बढ़ते का सबसे बड़ा कारण अस्पताल की जर्जर स्थिती है. अस्पताल के महिला वार्ड में खिड़की के शीशे टूटे हुए हैं. जिसे ठंडी हवा का प्रवेश वार्ड में होने से भर्ती मरीज की हालत बिगड़ रही है. मरीजों को वार्ड में रहने में काफी मुश्किल हो रही है. मरीज किसी भी तरह से जान बचाने को विवश है.
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ठंड में मरीजों को हो रही परेशानी
कड़ाके की ठंड में वार्ड में गुजारा करना कहीं मरीजों के लिए भारी न पड़ जाये. इसका डर मरीजों के साथ- साथ उसके परिजनों को भी सता रहा है. लेकिन अस्पताल प्रबंधन को इस बात से कोई लेना-देना नहीं है. अस्पाल प्रबंधन की अनदेखी का मरीजों को भुगतना पड़ रहा है. अस्पताल प्रबंधन के द्वारा हाल ही में अस्पताल में मेंटेनेस का काम किया गया है. लेकिन अब भी अस्पताल में कई खिड़की और दरवाजे खराब पड़े हुए है. कई खिड़कियों के शीशे टूटे हुए है.
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बेडो से चादर और कंबल है गायब
अस्पताल की स्थिति तो इतनी दैनिय है कि अस्पताल के बेडों में चादर, कंबल भी नहीं है, मरीजों को अपने घर से चादर और कंबल लाने पड़ रहे है. जेनरल वार्ड में भर्ती जामताड़ा प्रखंड के सिमलबेड़िया निवासी नेहाली देवी को पांच दिन बीत जाने के बाद भी बेड में चादर और कंबल नसीब नहीं हुआ है. उन्होंने बताया कि प्रबंधन से चादर व कंबल नहीं मांगा गया तो नहीं दिया जाता है. वो घर से लाकर अपना काम चला रही है.
वहीं प्रखंड क्षेत्र के गोलपहाड़ी निवासी प्रसव कराने आई महिला अगोरी हेम्ब्रम व दिघारी के हलिमा खातुन को बेड में बिछाने का चादर नहीं दिया गया. दोनों महिला कई दिनों से भर्ती हैं. इसकी शिकायत की गई थी. लेकिन किसी ने नहीं सुनी.
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क्या कहते हैं अस्पताल उपाधीक्षक
डॉ चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि वार्डों की खिड़की में टूटे शीशे हैं, इसकी जानकारी नहीं है. जल्द ही जांच कर मरम्मत कराया जायेगा. वहीं मरीजों को चादर नहीं मिलने को लेकर कहा कि अस्पताल में चादर की संख्या काफी कम है. स्टोर में मात्र एक सौ चादर है. जिस कारण दिक्कत हो रही है. जिसे दूर करने के लिए 125 चादर का ऑर्डर किया गया है. जिसे होने वाली समस्या से छूटकारा मिल सके. और सभी बेडों में चादर पहुंच सके.
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