Ranchi: झारखंड में स्वास्थ्य और पोषण की स्थिति में सुधार लाने के लिए ‘जश्न’ परियोजना (ज्वाइंट एक्शन फॉर सस्टेनेबल हेल्थ एंड न्यूट्रिशन) का शुभारंभ हुआ है. जश्न परियोजना DAY-NULM के नवाचार फंड के तहत स्पेशल प्रोजेक्ट के रूप में राज्य में क्रियान्वित किया जाएगा. इसके जरिये राज्य के 14 जिलों के 31 प्रखंडों में कुपोषण एवं स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार के लिए मिशन मोड में काम किया जाएगा. इस पहल के जरिये गर्भवती और बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष फोकस रखा जाएगा. मातृत्व शिशु स्वास्थ्य एवं पोषण पर सघन रूप से कार्य किया जाना है. सखी मंडल की महिलाएं इस परियोजना के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका में रहेंगी. परियोजना के सफल क्रियान्वयन के लिए नगर विकास विभाग के डीएमए और ग्रामीण विकास विभाग के जेएसएलपीएस के बीच एमओयू हुआ है.
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ग्रामीण और शहरी क्षेत्र की महिलाओं का होगा उत्थान- विनय चौबे
नगर विकास सचिव विनय चौबे ने कहा कि JSLPS और DMA हुआ यह एमओयू ऐतिहासिक कदम है. शहर व ग्रामीण दोनों क्षेत्र में रहनेवाली महिलाओं का उत्थान करना सरकार की जिम्मेवारी है. झारखंड में 50 से 55 लाख गरीब परिवार हैं. इनमें से स्वयं सहायता समूह 50% परिवारों को कवर कर रहे है. ग्रामीण क्षेत्रों में CRP दीदी हर जगह गरीब महिलाओं की सहायता के लिए मौजूद हैं, लेकिन शहरी क्षेत्रों में Slums में हर जगर CRP दीदी की मौजूदगी व पहुंच अभी तक संभव नहीं हो पायी है. ऐसे में दोनों के बीच सामंजस्य हो जाने से एक तरफ जहां JSLPS से CMMs को टेक्निकल मिलेगा, वहीं JSLPS को DMA से भी सहयोग मिलेगा.
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महिलाएं होंगी आर्थिक रूप से सशक्त- विजया जाधव
नगरीय प्रशासन निदेशालय की निदेशक विजया जाधव ने कहा कि DAY-NULM योजना के तहत झारखण्ड में कार्यरत 50 (ULBs) शहरी नगर निकायों में वर्तमान में 12,355 स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जा चुका है. इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना है. इस एकरारनामे और प्रशिक्षण कार्यक्रम में महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त करने के लिए कार्य के तरीकों पर बारे में चर्चा होगी.
कोविड के बाद सबको सुरक्षित रखना सरकार की प्राथमिकता- मनीष रंजन
इस मौके पर ग्रामीण विकास सचिव मनीष रंजन ने कहा कि कोविड के बाद के चुनौतीपूर्ण माहौल में सभी को सुरक्षित रखना सरकार की प्राथमिकता है. ऐसे कठिन समय में जश्न कार्यक्रम गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों के पोषण एवं स्वास्थ्य मानकों में सुधार के लिए अभिनव प्रयास साबित होंगे. उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम आने वाले दिनों में सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ मिल कर स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक नयी कहानी लिखेगा.
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समुदाय के पोषण व्यवहार पर काम करने की जरूरत- डीके सक्सेना
राज्य पोषण मिषण के डीजी डीके सक्सेना ने परियोजना की सफलता की कामना की और कहा कि स्वास्थ्य, पोषण, पोषण व्यवहार जैसे कई मानकों पर कार्य करने की जरूरत है. उम्मीद है कि यह कार्यक्रम इस पर खरा उतरेगा. उन्होंने समुदाय के पोषण व्यवहार पर कार्य करने की जरूरत पर बल दिया और एनआरएलएम के जरिए इस पर व्यावहारिक बदलाव को संभव बताया.
कनवर्जेंस से ही पाया जा सकता है परियोजना का लक्ष्य- ए डोड्डे
समाज कल्याण निदेशक ए डोड्डे ने कहा कि जश्न परियोजना के लक्ष्य को कनवर्जेंस के जरिये ही पाया जा सकता है. राज्य में कुपोषण एवं एनीमिया बड़ी समस्या है इससे निपटने के लिए अभी काफी लंबी एवं प्रभावी स्ट्रैटेजी पर काम करने की जरूरत है. जेएसएलपीएस एवं महिला एवं बाल विकास विभाग मिलकर कुपोषण के लिए जागरुकता एवं अन्य कार्य को धरातल पर प्रभावी तरीके से उतार सकते हैं. मौके पर नगर विकास सचिव विनय चौबे, नगरीय प्रशासन निदेशालय की निदेशक विजया जाधव और जेएसएलपीएस की सीईओ नैंसी सहाय समेत कई पदाधिकारी मौजूद थे.
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