झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार (झालसा) के पांच दिवसीय विशेष मध्यस्थता अभियान के दौरान कई टूटे रिश्तों को फिर से जोड़ने में सफलता मिली है. प्राधिकार के मध्यस्थता केंद्र में वर्चुअल माध्यम से आयोजित कुल 70 पारिवारिक विवाद से जुड़े मामलों में दोनों पक्षों के बीच समझौता कराने में सफलता मिली है. यह अभियान झालसा के कार्यपालक अध्यक्ष एचसी मिश्रा की पहल पर आयोजित किया गया.
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मध्यस्थता आपसी सौहार्द्र बनाये रखने का सर्वोत्तम माध्यम – न्यायायुक्त
अभियान के दौरान आये मामलों में एक मामला फैमिली कोर्ट के न्यायायुक्त पीयूष कुमार के कोर्ट से आया था. वैवाहिक जीवन में तनाव और विवाद का यह मामला दोनों पक्षों के बीच बातचीत तथा आपसी सहमति से हल करा किया गया. इसमें प्राधिकार द्वारा नियुक्त मध्यस्थ पीएन सिंह एवं दोनों पक्ष के अधिवक्ताओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा. दूसरे मामले में पांच वर्ष से अलग रहे दंपति, जिन्होंने तलाक के लिए आवेदन दे रखा था, मध्यस्था के बाद अपने मतभेदों को दूर कर साथ रहने को राजी हो गये. दोनों पक्षों के बीच करीब 4-5 बैठकें हुईं. इस मामले को निबटाने में मध्यस्थ राजीव मोदी एवं दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की अहम भूमिका रही. अभियान की समाप्ति पर रांची के न्यायायुक्त नवनीत कुमार ने कहा कि मध्यस्थता आपसी सौहार्द्र बनाये रखने एवं त्वरित न्याय पाने का सर्वोत्तम माध्यम है.
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विदेशों से भी जुड़े पक्षकार, 11 मध्यस्थों ने निभाई भूमिका
इस अभियान की खास बात यह रही कि इसमें पक्षकारों ने वीडियो माध्यम के जरिए नेपाल और अमेरिका जैसे देशों से जुड़कर अपने मामले का निबटारा किया. विशेष मध्यस्थता अभियान में 11 मध्यस्थों ने पांच दिनों तक विभिन्न मामलों में मध्यस्थता करायी. इनमें ममता श्रीवास्तव, कुमारी शीला, नीलम शेखर, मनीषा रानी, एजाबेला एक्का, गिरीश मल्होत्रा, पंचानन सिंह, कृष्ण रंजन, प्रकाश चंद्र उरांव, निर्मल रंजन तथा राजीव मोदी शामिल थे. लाकडाउन के दौरान जिन लोगों का मामला लंबित था, उन्हें इस आनलाइन विशेष मध्यस्थता अभियान से राहत मिली.
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