17 निकायों में 2021 से लंबित है 5066 आवासों का जियो टैगिंग
2994 आवंटित आवासों का निर्माण अबतक शुरु नहीं हुआ
Satya Sharan Mishra
Ranchi: प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राज्य सरकार के पास पर्याप्त फंड नहीं होने के कारण गरीबों के आवास निर्माण का काम प्रभावित हो गया है. राज्य सरकार का कहना है कि केंद्र फंड नहीं दे रहा है, वहीं केंद्र का कहना है कि झारखंड सरकार उपयोगिता प्रमाण पत्र दे ही नहीं रही तो फंड कैसे दिया जाए. इस तरह का आरोप-प्रत्यारोप कई सालों से चलता आ रहा है. ऐसे में यह जानना जरूरी है कि राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना की वास्तविक स्थिति क्या है. राज्य सरकार सही कह रही है या केंद्र सरकार. अगर प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) की बात करें तो राज्य में इसकी प्रगति काफी धीमी है. 17 नगर निकायों के 5066 आवासों की जियो टैगिंग 2021 से ही लंबित है. वहीं इन 17 निकायों में आवंटित 60494 आवासों में से 2994 आवासों का निर्माण अबतक शुरू ही नहीं हुआ है, जबकि 13 निकायों में आवास कंप्लीटेशन का रेट 50 फीसदी से कम है. वहीं नगरीय प्रशासन निदेशालय ने भी माना है कि राज्य सरकार के पास पर्याप्त फंड है, नगर निकायों की लापरवाही से निर्माण की प्रगति धीमी है.
किस निकाय की क्या स्थिति
निकाय स्वीकृत आवास कंप्लीट नॉन स्टार्टर 2021 से जियो टैगिंग पेंडिंग |
हरिहरगंज 1234 139 97 231 |
महगामा 1707 211 87 182 |
कपाली 175 57 10 6 |
नगरउंटारी 5522 1829 89 537 |
मेदिनीनगर 6929 2286 716 450 |
बडहरवा 2004 663 65 90 |
चितरपुर 3497 1244 12 145 |
चतरा 2337 905 344 131 |
बासुकीनाथ 3771 1530 49 304 |
हजारीबाग 6984 3059 280 658 |
मिहिजाम 2369 1042 92 118 |
धनवार 203 95 0 1 |
गोड्डा 5546 2658 12 775 |
खूंटी 4213 2120 160 214 |
गिरिडीह 10791 5594 857 1082 |
राजमहल 2082 1097 46 80 |
डोमचांच 1130 604 76 62 |
13 निकायों का कंप्लीटेशन रेट 50% से कम
निकाय कंप्लीटेशन रेट निकाय कंप्लीटेशन रेट |
हरिहरगंज 11% महगामा 12% |
कपाली 33% नगरउंटारी 33% |
मेदिनीनगर 33% बडहरवा 33% |
चितरपुर 36% चतरा 39% |
बासुकीनाथ 41% हजारीबाग 44% |
मिहिजाम 44% धनवार 47% |
गोड्डा 48% |
64427 आवास नॉन स्टार्टर स्टेज पर
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत केंद्र सरकार ने झारखंड के लिए 231059 आवासों की स्वीकृति दी है. इनमें से अबतक सिर्फ 89008 आवास ही बने हैं. 64427 आवास अभी भी नॉन स्टार्टर स्टेज पर हैं. बीएलसी घटक के तहत 182541 आवास स्वीकृत हुए हैं. इनमें से 32350 नॉन स्टार्टर स्टेज पर हैं, वहीं एएचपी घटक के तहत 32701 आवास स्वीकृत हैं. इनमें से 16260 आवासों का निर्माण शुरू नहीं हुआ है.
फंड पर्याप्त है, पदाधिकारी लापरवाह हैं- निदेशक
नगरीय प्रशासन निदेशालय के निदेशक आदित्य कुमार आनंद ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के क्रियान्वयन के लिए विभाग के पास पर्याप्त फंड है. पैसा लाभुकों तक नहीं पहुंचने के सवाल पर उन्होंने कहा कि सभी निकायों में ऐसी स्थिति नहीं है. कुछ निकायों में पदाधिकारियों की लापरवाही के कारण लाभुकों तक पैसा नहीं पहुंच रहा है. ऐसे निकायों को कड़े निर्देश दिये गये हैं.