Ranchi: राजधानी में प्रस्तावित ट्रांसपोर्ट नगर का काम 12 साल बाद जमीन पर शुरू हो चुका है. हैदराबाद की कंपनी KMV प्रोजेक्ट लिमिटेड इंजीनियरिंग प्रोक्योरमेंट एंड कंस्ट्रक्शन (EPC) पर काम कर रही है. कंपनी ट्रांसपोर्ट नगर का डिजाइन और ड्राइंग तैयार करने के साथ सर्वे का काम भी कर रही है. सर्वे के बाद कंपनी डीपीआर तैयार करके जुडको को सौंपेगी, इसके बाद जल्द ही साइट पर भी काम शुरू हो जाएगा.
12 साल से प्रस्तावित ट्रांसपोर्ट नगर का निर्माण 2024-25 तक पूरा होने की उम्मीद है. गौरतलब है कि 27 सितंबर 2021 को कैबिनेट ने रांची के सुकुरहुटू में 40.68 एकड़ जमीन पर 113 करोड़ की लागत से ट्रांसपोर्ट नगर बनाने की स्वीकृति दी थी. ट्रांसपोर्ट नगर के निर्माण के लिए 2 साल का समय निर्धारित किया गया है.
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फर्स्ट फेज में 424 बड़े वाहनों की पार्किंग होगी
कांके के सिमलिया में ट्रांसपोर्ट नगर के लिए जमीन चिन्हित की गई है. जुडको की मॉनिटरिंग में निर्माण कार्य किया जाएगा. फर्स्ट फेज में 424 बड़े वाहनों की पार्किंग, जी प्लस 6 इंटीग्रेटेड बिल्डिंग, 16 ऑफिस 180 बेड वाली डोरमेट्री, 150 लोगों के बैठने की क्षमता वाला फूडकोर्ट, 17 खुदरा विक्रेता दुकान, पुलिस चेकपोस्ट, हेल्थ चेकअप सेंटर, मेडिसीन शॉप, टॉयलेट और दो धर्मकांटा का निर्माण किया जाएगा. साथ ही वाटर हार्वेस्टिंग, फायर फाइटिंग सिस्टम भी बनाया जाएगा. ट्रांसपोर्ट नगर को जोडऩे के लिए 4 लेन का अप्रोच रोड भी बनेगा. ट्रांसपोर्ट नगर के अंदर एक पेट्रोल पंप भी खोला जाएगा. दो अत्याधुनिक वेयर हाउस भी होंगे. ड्राइवर और खलासी के आराम करने की भी जगह होगी.
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ट्रांसपोर्ट नगर बनने से जाम मुक्त होगी राजधानी
ट्रांसपोर्ट नगर बनने के बाद राजधानी जाम मुक्त होगा, साथ ही बड़े वाहन चालकों को भी राहत मिलेगी. अभी बाहर से आनेवाले ट्रकों को नो इंट्री के समय शहर के बाहर सड़क किनारे ही खड़ा करना पड़ता है. ट्रकों की अनलोडिंग में भी परेशानी होती है. ट्रांसपोर्ट नगर बन जाने से बाहर से आनेवाले ट्रक वहीं रहेंगे. वहां माल अनलोड करने के साथ ट्रकों की मरम्मत की सुविधा भी होगी. गौरतलब है कि अभी अकेले रांची में हर दिन 500 से 700 ट्रक प्रवेश करते हैं.
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विरोध के कारण 3 बार बदला गया स्थान
2010 में रांची में ट्रांसपोर्ट नगर बनाने की योजना बनी थी, लेकिन हर बार कोई न कोई अड़चन लग गई. जमीन को लेकर आने वाली परेशानियों और स्थानीय लोगों के विरोध के कारण 3 बार ट्रांसपोर्ट नगर का स्थान बदला गया. नगर विकास विभाग ने आरआरडीए को कांके के सुकुरहुटू में 52 एकड़ सरकारी जमीन पर ट्रांसपोर्ट नगर बनाने का निर्देश दिया था. 14 एकड़ रैयती जमीन के अधिग्रहण में पेंच फंसने के कारण नामकुम के सरवल में ट्रांसपोर्ट नगर बनाने की योजना बनी, लेकिन वहां भी 26 एकड़ रैयती जमीन अधिग्रहण नहीं होने के कारण मामला फंस गया. इसके बाद सरकार पंडरा गई. पंडरा में भी जमीन अधिग्रहण में पेंच फंस गया था.
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