मोरहाबादी में चल रहे दस दिवसीय पर्यावरण मेले का समापन
Ranchi : मोरहाबादी मैदान में पिछले 10 दिनों से चल रहा पर्यावरण मेले का शुक्रवार को समापन हुआ. मुख्य अतिथि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि झारखंड आदिवासी बहुल राज्य है. जल, जंगल, जमीन ही इसकी आत्मा है. पर्यावरण को नुकसान हुआ, तो समझो कि हम अपने आपको नुकसान पहुंचा रहे है. हमें व्यक्तिगत स्तर पर पर्यावरण का ख्याल रखना होगा. 90 के दशक में रांची में पंखा का प्रचलन नहीं था, पर अब इसके बिना आप घरों या कार्यालयों में रह नहीं सकते. आज डैमों का पानी तालाबों और डोभा के पानी से ज्यादा दूषित है. इसे और प्रदूषित न करें, इसलिए इस पर हम सभी को संयुक्त रूप से प्रयास करना चाहिए.
मशीनों की जगह ज्यादा पेड़ लगाना कारगर साबित होगा
हेमंत सोरेन ने कहा कि बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए करोड़ों-अरबों रुपए की मशीनों की जगह ज्यादा पेड़ लगाना कारगर साबित होगा. अगर आज हम नहीं चेते तो आने वाली पीढ़ी को इसका खतरनाक अंजाम भुगतना होगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में सकारात्मक सोच के साथ सरकार लगातार प्रयास कर रही है. हमारी सरकार शहरों में अपने घरों में एक पेड़ लगाने पर 5 यूनिट बिजली फ्री दे रही है. इसके अलावा शहरों के बीचो बीच हरियाली का दायरा बढ़ाने की कोशिशें लगातार जारी है. सरकारी महकमा को स्पष्ट निर्देश है कि पेड़ लगाने और उसके संरक्षण के लिए हर मुमकिन कदम उठाए जाएं. जंगलों में और उसके कई किलोमीटर की परिधि में आरा मशीन लगाने को प्रतिबंधित कर दिया गया है. सभी प्रयास पर्यावरण को सुरक्षित रखने की दिशा में हो रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा है कि आगे भी सरकार इस दिशा में कई और निर्णय लेने जा रही है.
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‘वन अर्थ, वन सन, वन फैमिली’ का नारा ही हमारा लक्ष्य : अर्जुन मुंडा
इससे पहले कार्यक्रम के अंतिम दिन जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने मेला परिसर का भ्रमण किया. कहा कि यह प्रसन्नता की बात है कि इस तरह का आयोजन युगांतर भारती के माध्यम से किया गया है. आज भारत जी-20 की मेजबानी कर रहा है. झारखंड भी इसका मेजबान है. भारत ने इस जी-20 का स्लोगन वसुधैव कुटुम्बकम दिया है. पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए ‘वन अर्थ, वन सन, वन फैमिली’ का नारा दिया है. यही नारा हमारा लक्ष्य है, यही हमारी जीवन पद्धति है. आदिवासी संस्कृति में प्रकृति एवं प्रकृति आधारित पूजा पद्धति प्रचलित है, जिसके कारण झारखंड पर्यावरण एवं जंगलों के मामले में भारत में अपना विशिष्ट स्थान रखता है.
जीरो डिस्चार्ज की वजह से दामोदर स्वच्छ हुआ : सरयू
पर्यावरण मेले के संरक्षक एवं झारखंड विधानसभा के सदस्य सरयू राय ने कहा कि दुनिया भर में पर्यावरण पर चर्चा हो रही है, ग्लोबल वार्मिंग, क्लाइमेट चेंज की बात हर घर में हो रही है. भारत सरकार नदियों को साफ करने में बहुत पैसा खर्च करती है. पर नदी अपने आप को खुद ही बरसात में साफ कर लेती है. जो गंदा कर रहे हैं उनको रोकें. जीरो डिस्चार्ज की वजह से दामोदर स्वच्छ हुआ. सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगने से दामोदर शत-प्रतिशत स्वच्छ हो जाएगी.
झारखंड की मूल संस्कृति पर्यावरण संरक्षण पर आधारित : महतो
समापन समारोह के विशिष्ट अतिथि के रूप में झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो ने कहा कि हमारे झारखंड की मूल संस्कृति पर्यावरण संरक्षण पर आधारित है. जिसमें हर आचार-व्यवहार, यहां तक कि पूजा विधि में भी हमलोग सबके कल्याण की बात करते हैं. सबके कल्याण से मेरा अर्थ केवल मानव जाति का कल्याण नहीं, बल्कि पशु-पक्षी, पेड़-पौधे सबका कल्याण है. हमारे पर्व-त्यौहार चाहे सरहुल, बाहा, करमा आदि सभी प्रकृति की उपासना पर ही आधारित है. समापन समारोह के अवसर पर झारखंड विधानसभा के सदस्य, डॉ. लंबोदर महतो, कुमार जयमंगल एवं समरी लाल ने भी अपने विचार रखे.
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कई कलाकारों को मुख्यमंत्री ने किया सम्मानित
इस मौके पर हेमंत सोरेन ने पांडवानी कला की विख्यात लोक कलाकार पद्म विभूषण तीजन बाई, अपनी पेंटिंग्स के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने वाले रामानुज शेखर और पर्यावरण संरक्षण के लिए जन जागरूकता अभियान चलाने वाले पंचम चौधरी को भी सम्मानित किया.
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तीजनबाई ने पांडवानी प्रस्तुत किया
इसके उपरांत छत्तीसगढ़ी लोक नाट्य-गीत की जीवंत किवदंती एवं पदमविभूषण से अंलकृत तीजनबाई ने पांडवानी प्रस्तुत किया. इस अद्भुत कार्यक्रम का मेले में आये हुए सभी लोगों ने आनंद लिया. मेला को सफलता के साथ सम्पन्न कराने में पर्यावरण मेला के आयोजन सचिव अंशुल शरण, संयोजक डॉ. एमके जमुआर, सह-संयोजक आशीष शीतल मुंडा, डॉ. ज्योति प्रकाश, निरंजन कुमार सिंह, खादी बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष, जयनन्दु, धर्मेंन्द्र तिवारी, निरजंन कुमार सिंह, बीरेन्द्र कुमार सिंह, मनोज सिंह, शिवानी लता, सत्यम कुमार, रोहित राज, अविनाश कुमार, अमित कुमार के साथ राष्ट्रीय सेवा योजना के सैकड़ों स्वयंसेवक, युगांतर भारती के पवन कुमार, मुकेश सिंह, ब्रजेश शर्मा, पवन सिंह, मुकेश कुमार, दीपांकर कर्मकार, अंगद मुंडा, बजरंग कुमार, माधुरी कुमारी, पुष्पा टोपनो की महत्वपूर्ण भूमिका रही. धन्यवाद ज्ञापन आशीष शीतल मुंडा ने किया. मंच संचालन शशि जी ने किया.
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