एरिया के नगर निगम में आदिवासी मेयर की बाध्यता समाप्त होगी कनिका ने न केवल अपने परिवार का, बल्कि पूरे झारखंड और देश को गौरवान्वित किया है. वह जेवीएम श्यामली की पूर्व छात्रा रही है और उन्होंने वर्ष 2014 में साइंस स्ट्रीम (बॉयोलॉजी) से इंटरमीडिएट पास किया. बचपन से ही मेधावी रही कनिका ने यह साबित कर दिया कि यदि लक्ष्य स्पष्ट हो और प्रयास निरंतर, तो कोई भी ऊंचाई असंभव नहीं होती.
स्कूल की प्रिंसिपल समरजीत जना ने कहा कि कनिका की सफलता हम सभी के लिए प्रेरणा है. उन्होंने परिश्रम, धैर्य और समर्पण की जो मिसाल पेश की है, वह हर छात्र के लिए अनुकरणीय है. यह हमारे विद्यालय और पूरे रांची के लिए गर्व का क्षण है.कनिका की इस उपलब्धि से शिक्षक, सहपाठी और परिजन सभी गौरान्वित महसूस कर रहे हैं. यह सफलता उन हजारों छात्रों के लिए आशा की किरण है, जो सीमित संसाधनों में रहते हुए भी बड़े सपने देखते हैं. कनिका अनभ की कहानी बताती है कि संघर्ष चाहे जितना भी कठिन हो, अगर हौसले बुलंद हों, तो मंजिल मिलकर रहती है. इसे भी पढ़ें : palamu:">https://lagatar.in/palamu-woman-shot-dead-police-busy-investigating/">palamu:
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