Lagatar Desk : कोरोना की दूसरी लहर के बाद तीसरी लहर की आशंका जतायी गयी है. कहा गया है कि तीसरी लहर बच्चों के लिए सबसे अधिक खतरनाक होगा. इस बीच कर्नाटक से जो आंकड़े सामने आये हैं, वह डरावने हैं. कर्नाटक में एक से 16 मई के बीच 19 हजार से अधिक बच्चे कोरोना से संक्रमित मिले हैं.
शरीर पर चकत्ते निकल रहे
जो बच्चे कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं, उनमें अधिकांश की उम्र 10 साल से कम है. संक्रमित बच्चों में अजीब तरह के लक्षण मिल रहे हैं. डॉक्टरों के मुताबिक संक्रमित बच्चों के शरीर पर चकत्ते से लेकर दूसरे तरह के स्कीन डिजिज मिले हैं. कुछ बच्चों में गैस्ट्रोएंटेराइटिस की भी समस्या सामने आ रही है. कोरोना की पहली लहर (वर्ष 2020) में बच्चों पर कोई असर देखने को नहीं मिला था. जबकि दूसरी लहर में भी कुछ बच्चे इसकी चपेट में आ रहे हैं. दिल्ली में दो बच्चों की मौत हो चुकी है. जबकि केरल में बड़ी संख्या में बच्चे संक्रमित हो रहे हैं.
विपक्ष ने केंद्र से तत्काल इंतजाम की मांग की
इस बीच विपक्ष की तरफ से कांग्रेस के राहुल गांधी ने केंद्र सरकार से मांग की है कि तीसरी लहर आने से पहले बच्चों के इलाज की व्यवस्था की जाये. साथ ही बच्चों को वैक्सीनेट करने के लिये नये सिरे में प्रोटोकॉल तैयार किया जाये. उन्होंने सरकार से अपील की है कि वह निंद से जागे. इधर, दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि कोरोना की तीसरी लहर सिंगापुर से आ रहा है. इसे रोका जाये. सिंगापुर से आने वाले फ्लाइट को अविलंब रोका जाये. क्योंकि यह हमारे बच्चों की सुरक्षा से जुड़ा मसला है. इसमें किसी तरह की ढील ठीक नहीं.
बच्चों में जो लक्षण दिख रहे
कोरोना से संक्रमित होने वाले बच्चों में जो लक्षण दिख रहे हैं, उसमें हल्का बुखार, खांसी, जुकाम, सांस लेने में परेशानी, गले में खरांस, थकान, खाना में स्वाद ना आना, सूंघने की क्षमता का कम हो जाना, शरीर में दर्द रहना, पेट में दर्द, पेट में मरोड़ आदि लक्षण शामिल हैं. चिकित्सकों के मुताबिक कुछ बच्चों में इन लक्षणों के अलावा शरीर पर चकत्ते आना, उल्टी आना, पैरों का सूजना, हाथ का सूजना, सिर दर्द, आंख लाल होने, धड़कनों का तेज होने लक्षण भी दिख रहे हैं.