alt="" width="300" height="138" /> कार्यक्रम की प्रस्तुति देते मंच के निदेशक विनोद महतो रसलीन[/caption] विनोद रसलीन ने बताया कि झारखंड की लोक संस्कृति को समृद्ध बनाने में यहां के वाद्य यंत्रों व लोक कलाकारों का प्रमुख योगदान है. तेजी से पांव पसार रही पश्चिमी संस्कृति के बीच अपनी समृद्ध संस्कृति व लोक कलाओं को बचाना बेहद जरूरी है. इस दिशा में युवाओं को इस तरह का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इस मौके पर प्रशिक्षण शिविर में शामिल युवाओं ने वाद्य यंत्रों के साथ समूह नृत्य व गीत की प्रस्तुति की. विनोद रसलीन ने बताया कि रविवार की शाम 6 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन होगा. 6 दिनों के प्रशिक्षण से पूर्व 3 दिनों तक प्रतिभा खोज कार्यक्रम चलाया गया था, जिसमें 30 युवाओं को इस प्रशिक्षण के लिए चयनित किया गया था. मौके पर प्रशिक्षक सुकुमार ने गीत संगीत, घनश्याम महतो ने सारंगी वादन, अशोक कुमार महतो ने गीत संगीत, बलराम महतो ने ढोल मांदर, प्रेमचंद कालिंदी ने शहनाई वादन, विनोद कुमार महतो ने गीत नृत्य एवं शेखर शरदेंदु ने गीत संगीत एवं वाद्य यंत्र की विस्तृत जानकारी दी. मौके पर सहायक वादक हरि महतो, काशीनाथ महतो, नरेश महतो, धनंजय घांसी, योगेंद्र घांसी, विश्वनाथ राम, चांदनी कुमारी, शकुंतला देवी, संदीप कुमार महतो व अन्य कलाकार व वादक मौजूद थे. यह">https://lagatar.in/bermo-naxalites-set-jcb-and-four-tractors-on-fire-for-not-getting-levy/">यह
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