घर जल उत्सव कार्यक्रम में बोले PM मोदी, देश के 10 करोड़ ग्रामीण परिवार स्वच्छ पानी की सुविधा से जुड़ चुके हैं
बहुत मुश्किल होता है न्यूयॉर्क टाइम्स में खबर छपना
प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने न्यूयॉर्क टाइम्स की एक कॉपी दिखाते हुए कहा कि आज मैं आप लोगों को बहुत अच्छी खबर देने आया हूं, एक ऐसी खबर जिससे आप खुश हो जायेंगे. अमेरिका का सबसे बड़ा अखबार है, न्यूयॉर्क टाइम्स. इसमें खबर छपाने के लिए, छपने के लिए... बहुत मुश्किल होता है इसमें खबर छपना. कल के न्यूयॉर्क टाइम्स के फ्रंट पेज पर यह खबर छपी है, दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश के सबसे बड़े अखबार में दिल्ली के शिक्षा मॉडल पर खबर छपी है. इसे भी पढ़ें : ममता">https://lagatar.in/subramanian-swamy-met-mamta-banerjee-praised-him-fiercely-what-khichdi-is-being-cooked/">ममताबनर्जी से मिले सुब्रमण्यन स्वामी, जम कर तारीफ की, कौन सी खिचड़ी पक रही है!
न्यूयॉर्क टाइम्स में लिखा है कि दिल्ली में शिक्षा क्रांति हो रही है
इसमें लिखा है कि दिल्ली में शिक्षा क्रांति हो रही है, सरकारी स्कूल बहुत शानदार हो गये हैं. कहा कि प्राइवेट स्कूलों से नाम कटवाकर लोग सरकारी स्कूल में एडमिशन करवा रहे हैं. सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे अपने परिवारों की गरीबी दूर कर रहे हैं. भारत के बारे में इतनी अच्छी खबर छपना, सभी भारतवासी की सीना आज चौड़ा है, मैं सभी को बधाई देता हूं. इससे पहले केजरीवाल ने कहा था कि उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के आवास पर सीबीआई की छापेमारी वैश्विक स्तर पर सराहे जा रहे उनके अच्छे प्रदर्शन का परिणाम है. कहा था कि जिस दिन अमेरिका के सबसे बड़े अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स के मुख्य पृष्ठ पर दिल्ली शिक्षा मॉडल की तारीफ और मनीष सिसोदिया की तस्वीर छपी, उसी दिन उनके घर पर केंद्र ने सीबीआई को भेज दिया.भाजपा सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पलटवार किया
alt="" width="600" height="400" /> अरविंद केजरीवाल के बयान पर दिल्ली से भाजपा सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पलटवार किया. कहा, न्यूयॉर्क टाइम्स और खलीज टाइम्स ने वर्ड-टू-वर्ड एक जैसा आर्टिकल छापा, दोनों में 6 तस्वीरें लगी हैं, वे भी एक जैसी हैं. अगर दो-तीन अखबारों में शब्दशः एक जैसा कुछ छपे तो क्या वह खबर होती है? वह तो विज्ञापन होता है. उन्होंने कहा, केजरीवाल ने सुबह कहा कि न्यूयॉर्क टाइम्स में ऐसे ही फोटो नहीं छप जाती, बहुत मुश्किल होती है. उन्हें मालूम होगा कि कितना पैसा दिया, रिपोर्टर को कैसे सेट किया. मैंने कभी नहीं देखा कि दो अलग-अलग अखबारों में एक जैसी स्टोरी छप जाये.