ग्राम उद्योग आयोग (KVIC) अपने काम के पैरामीटर को बढ़ा रहा है. इसके लिए केंद्र">https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A4_%E0%A4%B8%E0%A4%B0%E0%A4%95%E0%A4%BE%E0%A4%B0">केंद्र
सरकार भी KVIC की मदद कर रही है. खादी उद्योग को इस बार पूरे साल के लिए ऑर्डर मिल गया है. लॉकडाउन के समय भी KVIC को खादी के मॉस्क बनाने का ऑर्डर दिया गया था. इस बार खादी उद्योग को पैरा मिलिट्री फोर्स से ऑर्डर मिला है. इस ऑर्डर के पीछे">https://www.mha.gov.in/hi">
गृह मंत्रालय की पहल है. MSMEs मंत्री नितिन">https://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%A8%E0%A4%BF%E0%A4%A4%E0%A4%BF%E0%A4%A8_%E0%A4%97%E0%A4%A1%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A5%80">नितिन
गडकरी ने इस कदम का स्वागत किया. इसे भी पढ़ें:पलामू:">https://lagatar.in/palamu-three-henchmen-of-w-singh-gang-arrested-for-managing-contract-escaped-by-one-chance/16007/">पलामू:
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स्वदेशी अभियान के तहत किया गया समझौता
स्वदेशी अभियान को सफल बनाने के लिए पैरा मिलिट्री बलों को खादी कॉटन की दरियों की आपूर्ति करने की समझौता किया गया है. खादी उद्योग ने हर साल 1.72 लाख खादी कॉटन के लिए Indo">https://www.itbpolice.nic.in/">IndoTibetan Border Police (ITBP) के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किये है. यह समझौता एक साल के लिए किया गया है. बाद में इसे फिर से रिन्यू किया जायेगा. 1.72 लाख दरियों का कुल कीमत 8.74 करोड़ रुपये है. इसे भी देखें:
आगे और भी ऑर्डर मिलने की उम्मीद
सूत्रों के अनुसार खादी उद्योग 1.98 मीटर लंबी और 1.07 मीटर चौड़ी नीले रंग की दरियों की आपूर्ति करेगा. खादी की इन दरियों को उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब के कारीगरों के द्वारा तैयार किया जायेगा. अनुमान है कि इसके बाद खादी के कंबल, चादरें, तकिये के कवर, अचार, शहद, पापड़ और प्रसाधन सामग्री जैसे उत्पादों पर भी काम किया जायेगा. इसे भी पढ़ें:जो">https://lagatar.in/the-way-for-joe-biden-to-become-president-is-clear-us-congress-stamped-after-an-uproar-in-parliament/16022/">जोबाइडेन के राष्ट्रपति बनने का रास्ता साफ, संसद में हंगामे के बाद अमेरिकी कांग्रेस ने मुहर लगायी
बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर मिलेंगे
KVIC के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना ने इसे ऐतिहासिक कदम बताया. उन्होंने कहा कि इससे हमारे बलों में स्वदेशी उत्पादों को प्रोत्साहन मिलेगा. इसके साथ ही खादी कारीगरों के लिए बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे. सक्सेना ने कहा कि ये हमारी प्राथमिकता है कि हम अपने जवानों को सर्वश्रेष्ठ गुणवत्ता वाले उत्पाद उपलब्ध करायें. इसके साथ ही उन्हें समय पर इसकी आपूर्ति कर सकें. KVIC ने ITBP द्वारा उपलब्ध कराये गये सैंपल के आधार पर कॉटन दरियों का निर्माण कराया है. इन्हें एजेंसी द्वारा मंजूरी भी दे दी गयी है. KVIC द्वारा तैयार इन दरियों को उत्तर भारत वस्त्र अनुसंधान संगठन (NITRA) ने भी प्रमाणित किया है. इसे भी पढ़ें:जाने">https://lagatar.in/know-on-what-basis-police-made-72-people-accused-in-stopping-the-cms-carcade/16021/">जानेकिस आधार पर CM के कारकेड को रोकने के मामले में 72 लोगों को पुलिस ने बनाया आरोपी
NITRA क्या है
NITRA देश की प्रमुख वस्त्र अनुसंधान संस्थाओं में से एक है. इसे वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान विभाग से भी मान्यता प्राप्त है. सेवाएं मुहैया कराने के लिए 1974 में संयुक्त रूप से इसकी स्थापना की गयी थी. इसे भी पढ़ें:गरीबों">https://lagatar.in/out-of-90-blankets-given-to-the-poor-the-panchayat-servant-embezzled-the-needy-staged/16002/">गरीबोंको दिए जाने वाले 90 में 80 कंबल का पंचायत सेवक ने किया गबन, जरूरतमंदों ने दिया धरना
पिछले साल भी कच्ची घानी सरसों तेल का मिला था ऑर्डर
पिछले वर्ष जुलाई में भी KVIC ने ITBP के साथ कच्ची घानी सरसों तेल की आपूर्ति के लिए भी एक समझौते पर हस्ताक्षर किये थे. जिसका सफलतापूर्वक अनुपालन किया गया था. ITBP गृह मंत्रालय द्वारा नियुक्त एक नोडल एजेंसी है. जो देश के सभी पैरा मिलिट्री फोर्स की ओर से सामानों की खरीद करती है. इसे भी पढ़ें:230">https://lagatar.in/how-true-is-trumps-attempt-to-murder-democracy-in-broad-daylight/15976/">230करोड़ में बेचे गये फिल्म राधे के राइट्स