Search

खरसावां: संगीतमय श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ संपन्‍न, भागवत कथा सुनने उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

Kharsawan:  खरसावां के काली मंदिर सामुदायिक भवन में धर्म जागरण समिति के तत्वावधान में आयोजित संगीतमय श्रीमद् भागवत सप्ताह ज्ञान यज्ञ के अंतिम दिन गुरुवार को भागवत कथा सुनने श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. श्रीधाम वृंदावन से आईं कथा विदुषी दीदी ऋत्विजा शास्त्री ने विभिन्न प्रसंगों पर प्रवचन देते हुए कहा कि जब सौभाग्य का उदय होता है तब ही भागवत कथा सुनने को मिलती है. इसे भी पढ़ें: जमशेदपुर:">https://lagatar.in/jamshedpur-the-deities-were-anointed-by-setting-up-1000-urns/">जमशेदपुर:

1000 कलश स्थापित कर देवताओं का किया गया अभिषेक

मोक्ष दायिनी है श्रीमद् भागवत

[caption id="attachment_270322" align="aligncenter" width="600"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2022/03/17mjsr7.jpg"

alt="" width="600" height="270" /> प्रवचन सुनने पहुंचे श्रद्धालु.[/caption] उन्‍होंने कहा श्रीमद् भागवत मोक्ष दायिनी है. श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण से परीक्षित को मोक्ष की प्राप्ति हुई. हृदय से किया गया प्रभु स्मरण मनुष्य के लिये मोक्ष के द्वार खोलने का काम करता है. दीदी ऋत्विजा शास्त्री ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा व्यक्ति में मानवीय गुणों का समावेश कर उसे चरित्रवान व संस्कारवान बनाती है. जिससे व्यक्ति स्वयं को सबल बनाता है और अपनी उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है.

भागवत गीता में मानव जीवन के सभी महत्वपूर्ण सार समाहित

दीदी ऋत्विजा ने श्रीमद् भागवत गीता का महत्व समझाते हुए कहा, भगवत गीता में मनुष्य के जीवन का सर्वाधिक महत्वपूर्ण सार समाहित है. श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान का वह भंडार है जो आत्मा का परमात्मा से साक्षात्कार करवाकर उसके बैकुंठ ले जाने का मार्ग का प्रशस्त करती है. कथा की सार्थकता तभी है जब इसे हम अपने जीवन में धारण कर निरंतर हरि स्मरण करते हुए जीवन को आनन्दमय और मंगलमय बनाकर आत्मकल्याण करें. मानव जीवन की सार्थकता सद्कर्म व परोपकार करने में है.

माता-पिता की सेवा से लौकिक और आध्यात्मिक विकास

कथा की महिमा का विस्तृत से वाचन करते हुए कहा कि श्रीमद् भागवत कथा श्रवण और माता-पिता की सेवा से जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट होकर प्राणी मात्र का लौकिक और आध्यात्मिक विकास होता है. सोया हुआ ज्ञान वैराग्य कथा श्रवण से जाग्रत हो जाता है. कथा कल्पवृक्ष के समान है. इसलिए अपने मन को काबू में रखते हुए अपने हृदय को प्रभु चरणों में स्मृत रखिए. सद्गुरु की पहचान करके उनका अनुकरण और निरंतर हरि स्मरण, भागवत कथा श्रवण करने की जरूरत है.

कई लोगों ने दीक्षा ग्रहण किया

[caption id="attachment_270323" align="aligncenter" width="266"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2022/03/17mjsr7c.jpg"

alt="" width="266" height="300" /> सरायकेला के राजा प्रताप आदित्य सिंहदेव को सम्‍मानित करते आयोजक.[/caption] [caption id="attachment_270324" align="aligncenter" width="300"]https://lagatar.in/wp-content/uploads/2022/03/17mjsr7b-300x283.jpg"

alt="" width="300" height="283" /> विधायक दशरथ गागराई को सम्‍मानित करते आयोजक.[/caption] भागवत कथा के दौरान कई लोगों ने दीदी ऋत्विजा शास्त्री से दीक्षा ग्रहण किया. दीक्षा के दौरान विभिन्न प्रसंगों पर चर्चा भी हुई. इस दौरान कृष्ण विवाह समेत विभिन्न प्रसंगों पर झांकी निकाली गई. इस दौरान सरायकेला के राजा प्रताप आदित्य सिंहदेव, खरसावां विधायक दशरथ गागराई, आजसू नेता संजय जरिका समेत बड़ी संख्या में लोग जुटे थे. इसे भी पढ़ें: जमशेदपुर:">https://lagatar.in/jamshedpur-martyrs-day-will-be-celebrated-in-naman-office-on-23rd-march/">जमशेदपुर:

23 मार्च को नमन कार्यालय में ही मनेगा शहीद दिवस
[wpse_comments_template]
Follow us on WhatsApp