Kiriburu (Shailesh Singh) : भारी भ्रष्टाचार की बुनियाद पर बन रहे बड़ाजामदा में लगभग सवा तीन करोड़ रुपये की लागत से 50 बेड का निर्माणाधीन सरकारी अस्पताल का निर्माण कार्य ग्रामीणों ने बंद करवा दिया. स्थानीय लोगों ने इस अस्पताल का घटिया निर्माण व स्थानीय मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी नहीं मिलने संबंधित शिकायत के बाद जब पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष सह भाजपा एससी मोर्चा के जिलाध्यक्ष शंभू हाजरा, जिला कार्यसमिति सदस्य अजीत सिंह एवं संजीव राय, स्थानीय समाजसेवी सुजीत चातोम्बा, संजय सोरेन, प्रफुलो महाकुड़, महेन्द्र महाकुड़ आदि जांच करने पहुंचे. वहां कार्य की देखरेख कर रहे सुपरवाईजर ने सभी से दुर्व्यवहार करते हुये ठेकेदार को फोन लगा शंभू हाजरा से बात करने कहा. ठेकेदार ने भी शंभू हाजरा से फोन पर दुर्व्यवहार करते हुये कहा कि तुम्हें जहां शिकायत करनी है कर लो.
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उल्लेखनीय है कि जब कार्यस्थल का जायजा लिया गया तो कार्य स्थल पर कार्य के प्राक्कलन संबंधित कोई बोर्ड नहीं लगा था. कार्य में लगे पुरुष मजदूरों को 350 व महिला मजदूरों को मात्र 250 रुपये मजदूरी देने की बात मजदूरों ने बतायी. फर्श की ढलाई मिट्टी को रोलिंग कर तथा उसपर ईंट सोलिंग के पश्चात 4 इंच पीसीसी ढलाई के जगह बिना सोलिंग के 2 इंच पीसीसी ढलाई किया जा रहा था. अस्पताल के पास एक पुराना कुआं को भरकर उसी में पिलर खड़ा किया गया था. कुआं में खड़ा एक पीलर धंस गया था. उसे किसी तरह ठीक किया गया है. अस्पताल में कई जगह पुराने व कमजोर ईंट जो पास के पुराने भवन को तोड़ कर निकाला गया था, उसे लगाया गया है. इस भवन में इस्तेमाल स्टील पाइप की गुणवता व थिकनेस पर भी सवाल उठ रहे हैं. कार्य के दौरान सुरक्षा नियमों व उपकरणों का इस्तेमाल नहीं हो रहा है. इस कार्य की देखरेख हेतु नियुक्त अभियंता कभी भी कार्यस्थल पर नहीं आते हैं.
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पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष शंभू हाजरा ने कहा कि लंबी लड़ाई व आंदोलन के बाद बड़ाजामदा में यह अस्पताल बन रहा है. इसमें किसी भी तरह का भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. उन्होंने कहा कि अब इस काम को रोकने को कहा गया है. उपायुक्त से विशेष जांच कमिटी गठित कर जांच कराने की मांग की जायेगी. जांच के बाद ही कार्य प्रारम्भ होने दिया जाएगा, क्योंकि लौहांचल व सारंडा क्षेत्र से अरबों रुपये डीएमएफटी फंड व सरकार को राजस्व जा रहा है. ऐसे में इस क्षेत्र की जनता व मरीज बेहतर अस्पताल व चिकित्सा सुविधा पाने का हकदार हैं. सुपरवाइजर आशीष कुमार एवं आदित्य कुमार ने बताया कि यह काम रांची के गौतम कंस्ट्रक्शन द्वारा किया जा रहा है. इस साइट पर कोई इंजीनियर अथवा अधिकारी कार्य की देखरेख हेतु नहीं आते हैं. कार्यस्थल पर कार्य संबंधित कोई बोर्ड नहीं लगाया गया है.
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