Kiriburu (Shailesh Singh) : किरीबुरु सारंडा के घने जंगलों के बीच स्थित टाटा स्टील की विजय-टू लौह अयस्क खदान से सटे झीरपाईबुरु जंगल में 17 अगस्त की शाम एक तेंदुआ देखा गया. उक्त तेंदुआ को आसपास के गांवों से बैल-बकरी चराने गये ग्रामीणों द्वारा देखे जाने की बात कही जा रही है. तेंदुआ देखे जाने के बाद से ग्रामीणों में दहशत व चर्चाओं का बाजार गर्म है. उल्लेखनीय है कि कुछ माह पूर्व रात के समय इसी खदान के खनन क्षेत्र में एक वन्यप्राणी को बिना भय के विचरण करते देख वहां काम कर रहे मजदूरों ने वीडियो बनाया था. मजदूरों ने दावा किया था कि यह वन्यप्राणी तेंदुआ था.
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बाद में वन विभाग ने कहा था कि यह तेंदुआ नहीं बल्कि सारंडा से लगभग विलुप्त हो चुकी जंगली बिल्ली थी. सारंडा पीढ़ के मानकी लागुड़ा देवगम ने बताया कि विजय-टू खदान से सटे झीरपाईबुरु व आसपास के अन्य जंगल व पहाड़ में वन्यप्राणियों का सुरक्षित आश्रय स्थल पहले से रहा है. इस जंगल व पहाड़ों में वन्यप्राणियों के छुपने के दर्जनों गुफायें हैं. इनमें से कई गुफा खनन गतिविधियों अथवा मिट्टी भरने के कारण नष्ट हो गई हैं.
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इस जंगल में पहले भारी तादाद में तेंदुआ, जंगली सूअर, हिरण, जंगली बकरी (कोटरा), सांवर, साहिल, वज्रकीट, जंगली बिल्ली, हाथी आदि अनेक प्रकार के वन्यप्राणी पाये जाते थे, लेकिन खनन गतिविधियों के कारण इनका पलायन अन्य जंगलों में हुआ है. लेकिन अभी भी यहां तेंदुआ, हाथी, हिरन, कोटरा, खरगोश, जंगली बिल्ली की गतिविधियां निरंतर होती है. उन्होंने बताया कि कुछ वर्ष पूर्व इस जंगल से आये तेंदुआ ने जोजोगुटु गांव के ग्रामीण की भैंस की हत्या कर उसका मांस खाया गया था.
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