गांधी पुस्तकालय का डेढ़ साल पहले हुआ जीर्णोद्धार, अब फिर से खोलने की कवायद शुरु
मीना बाजार में लगने वाले सप्ताहिक हाट में कहा बैठेंगे ग्रामीण
प्रबंधन के अधिकारी सूत्रों ने बताया एक निश्चित आकार पर दुकान बनाने के लिए दुकानदारों को प्रत्येक माह जमीन का भाड़ा 704 रुपये, पानी का 200 रुपये, बिजली का 7.20 रुपये प्रत्येक यूनिट के अलावे जीएसटी देना होगा. अग्रिम राशि के रूप में 4224 रुपया लिया जायेगा. बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि मीना बाजार शेड का निर्माण जब मेघाहातुबुरु प्रबंधन प्रभावित गांवों के ग्रामीणों की आर्थिक उन्नति, कृषि व वन उत्पाद लाकर यहां बेचने के लिए कराया था. फिर आज वह इस शेड में स्थायी रूप से दुकान का निर्माण क्यों करा रही है. गर्मी, वर्षा के मौसम में सारंडा के ग्रामीण व किसान मेघाहातुबुरु के मीना बाजार क्षेत्र में लगने वाली सप्ताहिक हाट में कहां बैठेंगे. इसे भी पढ़ें :चाईबासा">https://lagatar.in/chaibasa-there-is-a-possibility-of-rift-in-the-grand-alliance-regarding-the-west-singhbhum-lok-sabha-seat/">चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम लोकसभा सीट को लेकर महागठबंधन में दरार की संभावना
प्रबंधन स्वंय दुकान बनाकर आवंटित करे
लोगों का कहना है कि प्रबंधन दुकान को आवंटित कर अपने लीज क्षेत्र का इन्क्रोचमेंट का बढ़ावा देने का कार्य कर रही है. मीना बाजार में जो दुकानदार अपना दुकान बनायेंगे, वह रहेंगे कहाँ ! प्रबंधन दुकानदार व उनके परिवार को रहने के लिये सेल का आवास क्या आवंटित करेगी अथवा सेल की जमीन को हीं इन्क्रोचमेंट कर वह अपना घर बनाकर अवैध तरीके से रहेंगे. सेल प्रबंधन भविष्य में अपने हीं जाल में स्वयं फंसते नजर आ रही है. प्रबंधन मीना बाजार के अवैध दुकानों को हटाकर शेड में भेज उससे भाड़ा वसूलना चाह रही है. लेकिन लोग यह भी सवाल खड़े करने लगे हैं कि आवासीय क्षेत्र में बने अवैध दुकानों को भी मीना बाजार में लाकर उनसे भी भाड़ा तय करेगी. मीना बाजार में प्रबंधन स्वंय दुकान बनाकर आवंटित करे. इसे भी पढ़ें :हाईकोर्ट">https://lagatar.in/high-court-imposed-a-fine-one-lakh-on-jharkhand-energy-development-corporation-limited/">हाईकोर्टने झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड पर ठोका एक लाख का जुर्माना [wpse_comments_template]