Kiriburu (Shailesh Singh) : केंद्रीय विद्यालय मेघाहातुबुरु में 24 जून को बाल वाटिका एवं वर्ग एक के बच्चों के लिये प्रवेशोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का शुभारंभभ बतौर मुख्य अतिथि विद्यालय के चेयरमैन सह मेघाहातुबुरु के सीजीएम आरपी सेलबम, महिला समिति की अध्यक्ष स्टेला सेलबम, प्राचार्य डाॅ. आशीष कुमार, उप प्राचार्य रवि शंकर चौधरी ने दीप प्रज्वलित कर किया. अतिथियों ने विद्या प्रवेश नामक पुस्तक का विमोचन किया. चेयरमैन आर पी सेलबम ने कहा कि आज आप तमाम नन्हें बच्चे विश्व के बेहतर शिक्षा संस्थान केन्द्रीय विद्यालय का हिस्सा बन गए हैं. यहां से आपका बेहतर भविष्य व अनुशासन का नींव रखना प्रारंभ हो गया है. मेरा आशीर्वाद आपके साथ है. हम चाहेंगे की यहां से बेहतर शिक्षा पाकर न सिर्फ आप विद्यालय का नाम रौशन करें, बल्कि अपना बेहतर व उज्ज्वल भविष्य की ओर बढे़ं.
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अभिभावकों के चेहरे पर दिखी खुशी
स्टेला सेलबम ने कहा कि स्कूल का पहला दिन इन बच्चों के लिये यादगार, ऐतिहासिक व अहम है, क्योंकि आज से ही इनकी शिक्षा व्यवस्थित तरीके से प्रारंभ हो रही है. बच्चे कच्ची मिट्टी की तरह होते हैं. इन बच्चों को आज से विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकायें बेहतर तरीके से तराश कर अच्छा मूर्ति बनाने का कार्य करेंगे. आज हम बच्चों के अभिभावकों के चेहरे पर नयी चमक देख रहे हैं, क्योंकि वह अपने-अपने बच्चों के बेहतर भविष्य के लिये सपने देखते हैं. केन्द्रीय विद्यालय जैसे सुरक्षित हाथों में नामांकन के साथ उनका सपना साकार होने की तरफ अग्रसर हो गया है.
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प्रवेशोत्सव गुरुकुल के 16 संस्कारों में से एक है
प्राचार्य डॉ. आशीष कुमार ने कहा कि प्रवेशोत्सव गुरुकुल के 16 संस्कारों में से एक है. आज आप बच्चों का केन्द्रीय विद्यालय में आगमन हुआ है. आप बच्चे यहां से पढ़कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की परिकल्पना 2047 तक विकसित भारत बनाने के सपने को साकार करेंगे. भारत सरकार ने 2020 में नयी शिक्षा नीति लाई है. इसमें सबसे ज्यादा प्राइमरी शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है. बाल वाटिका, निपुण भारत से लेकर अन्य बदलाव किये गये हैं. केन्द्रीय विद्यालय पूरे विश्व का सबसे बड़ा चेन ऑफ स्कूल सिस्टम है. 1255 विद्यालय एक साथ, एक ही तरीके से चलते हैं. आज वर्ग एक के 96 तथा बाल वाटिका के 23 बच्चों को ओरियेंटेशन कार्यक्रम के माध्यम से शिक्षा, अनुशासन, स्कूल के नियम आदि सभी चीजों की जानकारी दी जायेगी.
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कार्यक्रम में अतिथियों ने बच्चों को दिये उपहार
प्रवेशोत्सव कार्यक्रम में बच्चों को अतिथियों ने शिक्षा से जुड़े उपहार भेंट किया. तमाम बच्चों के लिये शिक्षक-शिक्षिकाओं ने स्वयं अपने हाथों से बनाया कागज का खूबसूरत मुकुट उनके सर पर पहनाया. स्कूली बच्चों ने शिक्षा से संबंधित गानों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी. बच्चों ने सेल्फी स्टैंड में अपने अभिभावकों के साथ सेल्फी लेकर आज का दिन को यादगार बनाया. इस दौरान सैकड़ों अभिभावक व बच्चे मौजूद थे.
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