: न्यूनतम मजदूरी से कम देने पर ठेकेदार के खिलाफ ग्रामीणों ने जताया विरोध
तीस वर्षों से काम करते आ रहे हैं यहां के मजदूर
बैठक के दौरान मुखिया राजू सांडिल, मानकी लागुड़ा देवगम ने कहा कि चिड़िया प्रबंधन ने खदान की ठेका कंपनी के साथ मिलकर खदान में काम करने वाले माईनरों (पत्थर तोड़ने वाले मजदूर) को एक साजिश के तहत हटाकर वहां बाहरी लोगों को लाकर बहाल करना चाह रही है. ये मजदूर लगभग 30 वर्षों से काम करते आ रहे हैं. पहले चिड़िया के सुकरी व दुबिल खदान में 900 मजदूर काम करते थे. छटनी करते करते 452 मजदूर रह गये हैं. लेकिन पिछले कुछ दिनों से चिड़िया प्रबंधन ने ठेका कंपनी के साथ मिलकर इन मजदूरों को भी बिना नोटिस के काम से हटा रही है अथवा मजदूरों को खदान से हटाकर रोड निर्माण, गेस्ट हाऊस, रेलवे स्टेशन, पत्ता चुनने आदि कार्य में लगाकर वहां से भी हटाने की तैयारी कर रही है. इसे भी पढ़ें : मुसाबनी">https://lagatar.in/musabani-the-great-festival-of-nature-worship-celebrated-at-surda-crossing-baha-bonga/">मुसाबनी: सुरदा क्रॉसिंग में मनाया गया प्रकृति उपासना का महापर्व बाहा बोंगा
पीएफ, ग्रेच्युटी दिये बिना ही मजदूरों को बैठा रही है कम्पनी
ऐसे मजदूरों का पीएफ, ग्रेच्युटी आदि दिये बिना ही बैठा दिया जा रहा है. 3-4 माह में एक बार मजदूरों को वेतन दिया जा रहा है वह भी पूरी हाजिरी नहीं बनाया जाता है. चिड़िया में दुबिल गांव के नाम से खदान चल रहा है लेकिन दुबिल गांव का एक भी बेरोजगारों को वर्तमान में रोजगार नहीं दिया गया है. जबकि दुबिल गांव चिड़िया खदान से सटे है और खदान का मिट्टी, मुरुम से ग्रामीणों का खेत, प्राकृतिक नदी-नाला सभी बंजर व प्रभावित हो गये हैं. सभी ने कहा कि हमलोग चुनाव में वोट देकर सांसद, विधायक चुनते हैं, ताकि वह हमारी समस्याओं के साथ खड़ा रहें. लेकिन वह सब भी हमारे हक व अधिकारी की लड़ाई में साथ नहीं देकर हमें अकेला छोड़ दिये हैं. इसे भी पढ़ें : जमशेदपुर">https://lagatar.in/jamshedpur-disabled-children-celebrated-holi-festival-in-a-special-way-at-cheshire-home/">जमशेदपुर: चेशायर होम में दिव्यांग बच्चों ने खास अंदाज में मनाया होली महोत्सव