Dr. dipak Chandra prakash
Lagatar Desk: कोविड के केस और पॉजिटविटी रेट देश के कुछ राज्यों में इन दिनों फिर लगातार बढ़ रहे हैं. इस बार कोरोना के बढ़ते मामलों के पीछे सब वेरिएंट एक्सबीबी1.16 को जिम्मेदार माना जा रहा है. एक्सपर्ट के मुताबिक एक्सबीबी1.16 हाई इफेक्टिव रेट के साथ एक ट्रांसमिसिबल वेरिएंट है. तेजी से फैलने के कारण यह नया वेरिएंट माथे पर बल ला रहा. ये वैरिएंट XBB.1 वैरिएंट की तुलना में 1.27 गुना और XBB.1.5 वैरिएंट की तुलना में 1.17 गुना ज्यादा तेजी से इंसानों में फैलता है.
लक्षण व बचाव
इसके लक्षण इतने आम हैं कि ज्यादातर मामलों में अहसास तक नहीं होता कि हम इस वेरिएंट से पीड़ित हैं. दो-तीन दिन तेज बुखार रहता है. यह क्रमिक रूप से रहता है. खांसी, गले में खराश, बहती नाक, सिर में तेज दर्द, दस्त, सूजन आदि के लक्षण आम हैं. कुछ केस में टॉंसिल के सूजन जैसी शिकायत भी देखने में आ रही है जिससे पीड़ित को कुछ भी निगलने में तकलीफ होती है. थकावट का अनुभव होता है. मांसपेशियों में तेज दर्द रहता है. कुछ मामलों में त्वचा में खुजली जैसे कुछ लक्षण भी नजर आते हैं. अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों में इस बार आंखों से जुड़े कुछ गंभीर लक्षण दिख रहे हैं, जो कोरोना की इससे पहले आई लहरों में नहीं दिख रहे थे. इन लक्षणों में शामिल हैं-कंजंक्टिवाइटिस जिसमें तेज खुजली होती है और आंखों का चिपचिपा होना.
कोरोना से बचाव के लिए क्या करें
ऐसा मास्क पहनें जो नाक और मुंह को अच्छी तरह कवर कर सके. सोशल डिस्टेंसिंग के पुराने नियम को यथा संभव अपनाएं. दूसरों से कम से कम 2 मीटर की सामाजिक दूरी बनाए रखें. भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें. अपने हाथों को बार-बार साबुन और पानी से धोएं या अल्कोहल बेस्ड हैंड सैनिटाइजर का उपयोग करें. अगर अब तक टीके नहीं लगवाए तो सब काम छोड़ सबसे पहले यह काम पूरा करें. अगर आपने पहले दो वैक्सीन और एक बूस्टर डोज ले भी लिया है तो भी इसके लिए तैयार रहें. एक्सपर्ट की सलाह के अनुसार बदलते दौर में साल में एक बार बूस्टर डोज लेने की दरकार है. अगर आपको कोविड-19 के लक्षण हैं, तो डॉक्टर से सलाह लें. सामान्य फ्लू के लक्षण होने पर भी रेस्ट लें और खुद को किसी खुले हवादार कमरे में आइसोलेट कर लें. इस दौरान अपने बर्तन, कपड़े आदि भी अलग रखें.
बच्चे भी हो रहे शिकार
कोविड की लहरों से अब तक हमारे नौनिहालों पर कोई बहुत चिंताजनक असर नहीं पड़ा था. लेकिन इस बार जो केस दिल्ली, महाराष्ट्र या गुजरात से सामने आ रहे हैं, उनमें 15 साल से कम उम्र के बच्चों में भी इसके लक्षण दिख रहे हैं. एक बार फिर बच्चों को सामाजिक दूरी बरतने, हाथ धोने या सैनिटाइज करने, अधिक भीड़-भाड़ जैसी जगह पर जाने से बचने जैसी सीख देने की दरकार है. राहत की बात है कि बच्चों से जुड़े ये केस अभी भी बहुत गंभीर नहीं दिख रहे. हाई फीवर, दस्त, उल्टी, खांसी, बदन व सिर में दर्द, थकावट, बहती नाक जैसे सामन्य लक्षण ही ज्यादातर केस में देखे गए. अगर पांच दिन से अधिक फीवर परेशान करे या कफ के कारण परेशानी हो रही हो, खाने-पीने या सांस लेने में दिक्क हो रही हो, होठ सूखे और पपरीदार हो रहे हों तो डॉक्टर से संपर्क करने में देर नहीं करें. यह इस बात का संकेत है कि आपके बच्चे को हॉस्पिटल केयर की दरकार है. अगर बच्चा 12 साल का हो चुका है तो उसे वैक्सीन लगाएं.
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