Koderma : जनता के ज्वलंत मुद्दों पर जनसंघर्ष तेज करने के आह्वान के साथ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) का 8 वां ज़िला सम्मेलन रविवार को शुरू हुआ. इसका शुभारंभ पार्टी के वरिष्ठ नेता भीखारी तुरी ने मजदूर किसानों के संघर्ष से उपजा लाल झंडा फहराकर किया. इस दौरान शहीदों तेरे अरमानों को मंजिल तक पहुंचाएंगे, शहीदों लेलो लाल सलाम आदि गगन भेदी नारे भी लगाये गये. साथ ही शहीद बेदी पर नेताओं व प्रतिनिधियों ने माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की. सम्मेलन की अध्यक्षता रमेश प्रजापति, भीखारी तुरी, परमेश्वर यादव तथा बबीता देवी की चार सदस्यीय अध्यक्ष मंडल ने की. संचालन समिति में महेन्द्र तुरी, ग्यासुद्दीन अंसारी, प्रमाण समिति व मिनट्स कमिटी में मुकेश यादव व जितेन्द्र दास, प्रस्ताव समिति में प्रमेश्वर यादव और सुरेंद्र राम शामिल थे.
इसे भी पढ़ें –मुख्यमंत्री शहरी श्रमिक रोजगार योजना में निबंधित श्रमिकों को काम देगा नगर निगम
सबसे ज्यादा कुर्बानी कम्युनिस्टों ने दी है
सम्मेलन का विधिवत् उदघाटन करते हुए पर्यवेक्षक और पार्टी के राज्य सचिवमंडल सदस्य रामचन्द्र ठाकुर ने कहा कि आज़ादी के आंदोलन में सबसे ज्यादा कुर्बानी कम्युनिस्टों ने दी है. सीपीआईएम धर्मनिरपेक्ष जनतंत्र की रक्षा के साथ मार्क्सवाद की मुख्य अवधारणा समाजवाद के रास्ते पर चलते हुए ऐसे समाज का निर्माण करना, जहां मनुष्य के द्वारा मनुष्य का शोषण न हो. आज मेहनतकश जनता की गाढ़ी कमाई पूंजीपतियों की तिज़ोरी में कैद हो गयी है.
इसे भी पढ़ें –गोमिया के सियारी पंचायत में किसानों को दिया जैविक खेती का प्रशिक्षण
भ्रष्टाचार बेरोक टोक जारी है
वर्तमान केन्द्र की भाजपानीत मोदी सरकार की पूंजीपति परस्त सत्यानाशी आर्थिक नीतियों के कारण ही देश में बेरोजगारी चरम पर है. बढ़ती महंगाई से जनता तरस्त है, भ्रष्टाचार बेरोक टोक जारी है. देश का धरोहर रेल, हवाई अड्डा, कोयला खदान, बैंक, एलआईसी सभी को पूंजीपतियों के हित में बेचा जा रहा है. गरीबी, महंगाई, बेरोजगारी से ध्यान हटाने के लिए पूंजीपतियों ने आरएसएस भाजपा से गठजोड़ कर हर हर मोदी घर घर मोदी का नारा देकर जनता को बेवकुफ बनाया गया. पूंजीवाद के रास्ते से जनता का कल्याण नहीं हो सकता है। कोरोना काल में एक तरफ़ लोग ऑक्सीजन, दवा के अभाव में मर रहे थे, लाशें गंगा में बह रही थी, वैसे समय में दूसरी तरफ केन्द्र सरकार देश की संपतियों को बेच रही थी. किसान विरोधी केन्द्रीय कृषि कानून के खिलाफ़ पिछले 10 महीनों से देशभर के किसान आंदोलनरत हैं. नया कृषि कानून लागू होने से किसानों की खेती और जमीन छिन ली जाएगी.
लिखित प्रतिवेदन पेश किया गया.
सम्मेलन में जिला सचिव असीम सरकार के द्वारा जिले की वर्तमान एलएन सांगठनिक स्थिति पर लिखित प्रतिवेदन पेश किया गया. जिस पर टेकलाल दास, रामचंद्र यादव, कन्हाई सिंह, शिवनारायण यादव, अशोक रजक, पार्वती देवी, जितेन्द्र कुमार, राजु साव, रामचन्द्र राम, बाबूलाल साव, प्रकाश यादव, रविन्द्र भारती, सरफराज अहमद, बजरंगी बहादुर, कारू सिंह आदि ने बहस में हिस्सा लिया और महत्वपूर्ण सुझाव दिये. जिसके बाद प्रतिवेदन सर्वसम्मति से पारित किया गया. सम्मेलन में पर्यवेक्षक राज्य सचिवमंडल सदस्य संजय पासवान भी मौजूद थे.
[wpse_comments_template]