– 1 जनवरी 1895 को विद्यालय की हुई थी स्थापना
– 1 अगस्त 1929 को विद्यालय को मिली थी मान्यता
– विद्यालय में नहीं पहुंची है बिजली, ऑनलाइन क्लास से वंचित रहते हैं विद्यार्थी
– सडक नहीं रहने से रेलवे ट्रैक पार कर विद्यालय जाते हैं विद्यार्थी व शिक्षक
Medininagar: जिले के उंटारी रोड प्रखंड के जोगा पंचायत अंतर्गत भीतिहारा में स्तरोन्नत उच्च विद्यालय भीतिहारा अभी भी मूलभूत व बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं. विद्यालय का स्थापना 1 जनवरी 1895 को हुई थी. अगले दिन से बाबु दुखी साहू के मकान के ढाबे में पढ़ाई शुरू हो गई. पुनः 1 जून को 1902 को बाबु दुखी साहू के मकान से बाबु मुखदेव पांडेय के मकान में विद्यालय शिफ्ट किया गया. लगभग 24 वर्षों तक विद्यालय गांव में ही संचालित होता रहा. 1 जून 1919 को गांव से बाहर उग्र नारायण पाण्डेय की जमीन पर विद्यालय के लिए एक कोठरी बनाया गया. मार्च 1929 में बाबु सुखदेव पांडेय पुनः अपनी जमीन में विद्यालय का एक मकान बनवाये. 1 अगस्त 1929 को विद्यालय का मान्यता मिली. विद्यालय में पांचवीं तक की कक्षाएं संचालित थीं. 26नवंबर 1956 को लल्लू मटेशानुज प्रताप देव ने विद्यालय के लिए एक एकड़ जमीन दान दिया. 11 नवंबर 1972 को विद्यालय को प्राथमिक से मिडिल का दर्जा प्राप्त हुआ. 2012 में विद्यालय को मिडिल से उच्च विद्यालय का दर्जा मिला.
विद्यालय तक जाने के लिए पहुंच पथ भी नहीं है
विद्यालय की स्थापना 13 दशक पूर्व हुई थी. लेकिन आज के डिजिटल युग में भी विद्यालय में बिजली नहीं पहुंची है, जिससे विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों को ऑनलाइन क्लास सहित डिजिटल माध्यम से होने वाली पढ़ाई नसीब नहीं हो पा रही है. विद्यालय में कक्षा एक से लेकर दसवीं में कुल 565 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं. विद्यालय तक जाने के लिए पहुंच पथ भी नहीं है. विद्यालय के पूरब दिशा में रेलवे लाइन गुजरा है. लो लेबल सबवे नहीं रहने के कारण विद्यार्थी व शिक्षक रेलवे ट्रैक पार कर जान जोखिम में डालकर विद्यालय तक आवागमन करते हैं. विद्यालय के पश्चिमी दिशा की ओर रैयती जमीन रहने के कारण सड़क नहीं बन पा रही है. बिजली की समस्या को लेकर विद्यालय के प्रधानाध्यापक मदन गोपाल राम ने बिजली विभाग व जिला शिक्षा पदाधिकारी को भी पत्राचार के माध्यम से अवगत कराया था. लेकिन विभाग द्वारा अभी तक कोई सार्थक पहल नहीं किया गया. जिसका खामियाजा विद्यालय में अध्यनरत विद्यार्थियों को भुगतान पड़ रहा है.
स्कूल में नहीं है हिंदी विषय का शिक्षक
प्रधानाध्यापक राम ने बताया कि रेल अंडर पास की समस्या को लेकर हाजीपुर जोन के रेल महाप्रबंधक को पत्राचार के माध्यम से अवगत कराया था. लेकिन रेलवे स्टेशन नजदीक होने के कारण लो लेबल सबवे नहीं बनाया गया. नौवीं से दसवीं के लिए हिंदी व शारीरिक विषय के शिक्षक नहीं हैं. जिससे विद्यार्थियों को हिंदी की पढाई संस्कृत के शिक्षक के द्वारा कराया जा रहा है. वहीं शारीरिक शिक्षक नहीं रहने से विद्यार्थी खेल कूद व शारीरिक शिक्षा से वंचित रह रहे हैं. प्रधानाध्यापक मदन गोपाल राम ने विद्यालय में उच्च विद्यालय के लिए हिंदी व शारीरिक शिक्षक की मांग जिला शिक्षा पदाधिकारी से की है, ताकि विद्यार्थियों को विषयवार शिक्षा मिल सके.
इसे भी पढ़ें – Breaking : हिमंता विश्व सरमा को प्रशासन ने देवघर में रोका, पाकुड़ के गोपीनाथपुर जा रहे थे
Leave a Reply